Bareilly News: उत्तर प्रदेश स्नातक खंड (MLC) की 5 सीट के चुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) की उम्मीदों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. सपा की सभी 5 सीट पर करारी हार हुई है. सपा को विधान परिषद चुनाव में सीट मिलने की काफी उम्मीद थी. एक सीट जीतने से सपा को विधान परिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी मिल जाती, लेकिन भाजपा की कड़ी मेहनत और प्लानिंग के आगे सपा प्रत्याशी ढेर हो गए.
बीजेपी को एमएलसी चुनाव में मिली जीत से निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले संजीवनी मिली है. इससे भाजपा काफी गदगद है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में बीजेपी को 5 में से 4 सीटों में मिली जीत नगर निकाय चुनाव और उसके बाद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए काफी फायदेमंद माना जा रहा है. हालांकि, मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव के बाद से ही सपा, भाजपा के हिन्दुत्व का तिलिस्म तोड़ने के लिए जाति का चक्रव्यूह रच रही है.
मगर, इस हार के बाद सपा जाति की सियासत को और बढ़ावा देने की तैयारी में हैं. हालांकि, सपा नेता मेहनत करते तो जीत मिल सकती थी. मगर, सपा संगठन चुनाव में मेहनत के बजाय फोटो खींचने और गुटबाजी में फंसा है.
यूपी में एमएलसी की 4 सीट जीतने के बाद विधान परिषद में भाजपा की ताकत बढ़ी है. 100 सदस्यीय विधान परिषद में भाजपा की संख्या बढ़कर 79 हो गई. विधानसभा परिषद में बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास एक-एक सीट है, जबकि सपा के 9 सदस्य हैं.
वहीं दूसरी ओर कानपुर मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी राज बहादुर सिंह चंदेल ने जीत दर्ज की है. भाजपा ने गोरखपुर-फैजाबाद, इलाहाबाद-झांसी मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, बरेली-मुरादाबाद मंडल स्नातक खंड निर्वाचन क्षेत्र, और कानपुर मंडल स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर जीत दर्ज की है.
सपा समेत सभी विपक्षी दल ईवीएम की वजह से हार का ठीकरा फोड़ते हैं, और बीजेपी पर समय-समय पर धांधली का भी आरोप लगाते नजर आते हैं, लेकिन एमएलसी चुनाव पोस्टल बैलेट से हुए थे. मगर, इसके बाद भी सपा एक भी सीट नहीं जीत पाई. बरेली मुरादाबाद सीट पर जमानत तक जब्त हो गई.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली