Yazdan Apartment: फ्लैट खरीदारों को नहीं मिली राहत, याचिका खारिज होने के बाद फिर चलने लगा LDA का हथौड़ा
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के जोन छह के प्रभारी (प्रवर्तन) राम शंकर ने बताया कि यजदान अपार्टमेंट की तरफ से लोग शासन एवं न्यायालय में गये थे. लेकिन, कोई राहत नहीं मिली. उनका मुकदमा खारिज होने के बाद यजदान अपार्टमेंट को पूरी तरह ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
Lucknow: राजधानी के हजतरगंज इलाके में प्राग नारायण रोड पर नजूल की जमीन पर बने छह मंजिल के यजदान अपार्टमेंट को तोड़ने की कार्रवाई सोमवार को फिर शुरू हो गई. 40 से अधिक कामगार हथौड़ा के जरिये छत एवं दीवारों का गिराने में मजदूर सुबह से शाम तक जुटे रहे.
कोर्ट से नहीं मिली राहत
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के जोन छह के प्रभारी (प्रवर्तन) राम शंकर ने बताया कि यजदान अपार्टमेंट की तरफ से लोग शासन एवं न्यायालय में गये थे. लेकिन, कोई राहत नहीं मिली. उनका मुकदमा खारिज होने के बाद यजदान अपार्टमेंट को पूरी तरह ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
हाईकोर्ट ने मांगा था जवाब
इससे पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यजदान अपार्टमेंट गिराने के आदेश के खिलाफ फ्लैट खरीदारों की याचिका पर राज्य सरकार एवं एलडीए को जवाब दाखिल करने का मौका दिया था. मामले में सुनवाई 12 दिसंबर को सुनिश्चित की गई थी. कोर्ट ने मामले में कोई स्टे नहीं जारी किया. न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने निधि अग्रवाल सहित चार खरीदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था.
एलडीए ने खरीदारों की याचिका का किया विरोध
एलडीए ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अपार्टमेंट का नक्शा वर्ष 2019 में ही निरस्त कर दिया गया था. याचियों ने इसके बाद फ्लैट खरीदे. ऐसे में उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती. एलडीए ने कहा कि वास्तव में याचिका बिल्डर की ओर से फ्लैट खरीदारों को आगे कर दाखिल करवाई गई है.
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इस वजह से इंतजार कर रहा था एलडीए
मामले में यजदान अपार्टमेंट में रहने वालों के लगातार विरोध को देखते हुए एलडीए ने विधिक राय लेने के बाद ही यजदान अपार्टमेंट पर हथौड़ा चलाने का फैसला किया था. तब एलडीए की ओर से कहा जा रहा था कि हाईकोर्ट ने प्राधिकरण से जवाब में शपथ पत्र मांगा है. कोर्ट के इस आदेश का अध्ययन करने व विधिक राय लेकर आगे की कार्रवाई पर निर्णय किया जाएगा.