Year Ender 2022: कानपुर पुलिस के लिए चुनौती से भरा रहा साल, हिंसा के साथ ही खाकी पर लगा दाग
Year Ender 2022: साल 2022 कानपुर पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं रहा है. जिले में कई ऐसी बड़ी घटनाएं हुई जिसकी तफ्तीश करने में पुलिस के पसीने भी छूट गए. तो कई वारदातों का पुलिस ने खुलासा तक नहीं किया. कानपुर हिंसा पर पुलिस पर दाग भी लगा.
Year Ender 2022: कानपुर पुलिस वैसे तो अपने कारनामों की वजह से प्रदेश भर में जानी जाती हैं. साल 2022 भी कानपुर पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं रहा है. जिले में कई ऐसी बड़ी घटनाएं हुई जिसकी तफ्तीश करने में पुलिस के पसीने भी छूट गए. तो कई वारदातों का पुलिस ने खुलासा तक नहीं किया. कानपुर हिंसा पर पुलिस पर दाग भी लगा. कई घटनाओं पर पुलिसकर्मी भी शामिल हुए जो सलाखों तक भेजे गए. कई निलंबित भी किए गए. आइए जानते हैं बीते 1 साल में कानपुर पुलिस की कार्यशैली और चुनौतियां.
कानपुर हिंसा ने खाकी पर लगाया दाग
कानपुर देहात में 3 जून 2022 को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के पैतृक गांव में एक कार्यक्रम था. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इसी समय कानपुर में बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध पर जुमे के नमाज के बाद नई सड़क के चंद्रेश्वर हाता पर दंगाइयों ने हमला बोला था. हिंसा में करीब 8 लोग घायल हुए थे. करीब 1 महीने तक इलाके में तनाव की स्थिति बनी रही थी. इस घटना के बाद प्रदेश भर के कई जिलों में हिंसा भड़की थीं. इससे कानपुर पुलिस की कार फजीहत हुई थी.
2022 में शर्मसार हुई खाकी
कानपुर पुलिस कमिश्नर के पीआरओ अजय मिश्रा अपराधी बलराम राजपूत की कथित पत्नी की बुलेट से चलते थे. जिस को अपने नाम पर करवा लिया था. जुलाई में वह लाइन हाजिर किए गए थे. जिसके बाद उनका तबादला गोरखपुर किया गया था. वहीं हेड कांस्टेबल अमित चौधरी पर एटीएम हैकिंग के मामले पर अप्रैल में चकेरी थाने पर केस दर्ज किया गया था. पिछले आठ महीने से वह फरार चल रहा है. सितम्बर 2022 में बिधनू थाने के तीन दरोगा दो किशोरों को उठा ले गए थे. उनको प्रताड़ित किया था. जिसके बाद तीनों दरोगा निलंबित किए गए थे.
वहीं सब इंस्पेक्टर भुवनेश्वरी देवी ने एक बिचौलिये के जरिये कुछ लड़कों को जाल में फंसाकर वसूली की थी. पुलिस की एक टीम ने रंगेहाथ उनको पकड़ा था. वह और एक होमगार्ड जेल भेजा गया था. गोविंदनगर में सिपाही मुकेश श्रीवास्तव व अमित कुमार ने वसूली के लिए परचून दुकानदार का अपहरण किया और रंगादारी मांगी थी. इसमें दोनों सिपाही जेल भेजे गए. पुलिस कमिश्नर ने इनको बर्खास्त किया है. इसके साथ ही अपराधियों से सांठगांठ, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां व वसूली में क्राइम ब्रांच व कई अलग-अलग थानों के एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी निलंबित/लाइन हाजिर किए गए और पीआरवी की वसूली करते हुए वीडियो भी कई वायरल हुए.
केस की तफ्तीश में छूट गए पसीने
बता दें कि स्वरूप नगर थाना क्षेत्र में 14 फरवरी की रात को कॉनकॉर्ड अपार्टमेंट में ज्योतिषाचार्य मधु कपूर की लूटपाट के बाद हत्या कर दी गई थी. इस घटना का खुलासा करने में पुलिस के पसीने छूट गए थे. घटना के करीब 7 महीने के बाद पुलिस ने खुलासा किया था और आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इसके साथ ही हाल में ही 31 अक्तूबर को श्यामनगर के रहने वाले छात्र रोनिल सरकार की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. इस घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस ने करीब दो दर्जन लोगों को उठाया था.
मृतक के परिजनों ने विधानसभा अध्यक्ष से घटना की जांच के CBI गठन करने के मांग की थी. इसके साथ ही विपक्ष ने सदन में पुलिस की कार्यशैली पर मुद्दा उठाया था तब जाकर करीब डेढ़ माह तक तहकीकात करने के बाद पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की मदद से वारदात का खुलासा कर हत्यारोपी को पकड़ा था. वहीं बिधनू की न्यू आजाद नगर पुलिस चौकी से दरोगा की सर्विस पिस्टल व दस कारतूस चोरी हो गए थे. जिस पर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर व क्राइम ब्रांच की टीम ने वारदात का खुलासा किया था और मुठभेड़ में आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
2022 की सबसे बड़ी कार्रवाई
साल 2022 की सबसे बड़ी कार्रवाई सपा विधायक इरफान सोलंकी व उसके भाई रिजवान पर हुई है. आठ नवंबर को नजीर फातिमा ने दोनों पर आगजनी व रंगदारी का केस दर्ज कराया था. इस केस में जब दोनों वांछित थे. तब सपा विधायक ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर हवाई सफर किया था. जिसके बाद से उनपर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. सपा विधायक के खिलाफ एक के बाद एक केस दर्ज होते गए. डेढ़ महीने में आठ केस विधायक पर दर्ज किए गए. सभी गंभीर मामले हैं. विधायक इऱफान सोलंकी व रिजवान दोनों सरेंडर कर पहले कानपुर जेल गए थे उसके बाद विधायक को वहां से महाराजगंज जेल में शिफ्ट किया गया है. वहीं गैंगस्टर की कार्रवाई हुई है अभी और भी शिकंजा कस सकता है.
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आज भी फंसे कई केस जिनका नहीं हुआ खुलासा
बताते चलें कि साल 2022 में कानपुर पुलिस ने कई ऐसे अनसुलझे मामले हुए. जिनका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है. बर्रा के अंबेडकरनगर में महिला अंशु कुशवाहा की गला रेतकर हत्या, बाबुपुरवा थाने से 50 मीटर दूर ट्रांसपोर्ट कंपनी में मुंशी मिर्जापुर निवासी लवकुश यादव की हत्या कर डेढ़ लाख रुपये की लूट, अर्रा निवासी ब्यूटी पार्लर संचालिका लक्ष्मी देवी की लूटपाट के बाद हत्या, बिधनू केकोरिया चौकी क्षेत्र में 40 वर्षीय युवक की गला रेतकर हत्या.
वहीं बिधनू में 40 वर्षीय महिला की गोली मारकर हत्या. बिधनू में बुजुर्ग किराना व्यापारी कुबेर की हत्या कर शव डीप फ्रीजर में बंद कर दिया गया था जिसका आज तक खुलासा नहीं हो सका. हाल ही में सचेंडी की एसबीआई बैंक में सुरंग बनाकर चोर करीब दो किलो सोना पार कर ले गए. जिस पर अभी पुलिस खुलासे से दूर है.
कानपुर के शिवराजपुर में चलती स्कूल वैन में आग लग गई थी. तभी थाने में तैनात दरोगा ओम प्रकाश व अजीत यादव ने वैन का पीछा कर रुकवाया था. सभी बच्चों को सुरक्षित निकालकर उनकी जान बचाई थी. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस ने यातायात को सुधारने के लिए कई बार प्लान बनाया लेकिन उसको सड़कों पर अमल नहीं कर पाए. जैसे स्कूलों के बाहर छुट्टी के वक्त ट्रैफिक पुलिस के साथ स्थानीय थाना पुलिस की तैनाती.
कुछ दिन पुलिस तैनात रही फिर हो गई गायब, भौंती फ्लाईओवर पर नौबस्ता के पास एनएचएआई की क्रेन हर वक्त खड़ी करने की योजना अधर में ही रही. संबंधित विभागों की समन्वय बनाकर सिटी ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को और सशक्त बना ट्रैफिक सिग्नल से लेकर रोड व्यवस्था को पुख्ता करने की योजना. शहर में तैनात सभी 65 टीएसआई को अपने-अपने क्षेत्र में पार्किंग के लिए जगह तलाशने की जिम्मेदारी दी गई थी जो नहीं निभाई गईं. जरीब चौकी से टाटमिल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. वह ध्वस्त हो गया जिसकी योजना आगे भी नहीं बढ़ी. विजयनगर, बड़ा चौराहा, नरौरा समेत सात चौराहे जाम से निजात के लिए बनाया गया स्मार्ट चौराहा ध्वस्त हो गया. चौराहों की ट्रैफिक सिग्नल तक खराब पड़े हैं.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी