लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फर्जी शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. खबर है योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा करने वालों से 900 करोड़ रुपये वसूलेगी.
फर्जी दस्तावेज पर नौकरी करने के मामले में यूपी में अब तक 1427 शिक्षक सामने आ चुके हैं, जिनपर कार्रवाई करते हुए योगी सरकार ने फैसला किया है कि उनसे 900 करोड़ रुपये वसूला जाएगा. फर्जी रूप से नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है. बताया जा रहा है कि फर्जी शिक्षकों के साथ-साथ विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी सरकार के निशाने पर हैं.
सरकार ने 1427 फर्जी शिक्षकों में से अब तक 930 की सेवा समाप्त कर दी है और 497 के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. बताया जा रहा है सरकार फर्जी शिक्षकों से 60-60 लाख रुपये वसूलेगी.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 23 जून को देवरिया जिले से फर्जी मार्कशीट/बीए की डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षक व कूटरचित अंक पत्र तैयार कराने वाले लिपिक को गिरफ्तार किया था. एसटीएफ ने बताया था कि उप्र एसटीएफ को फर्जी मार्कशीट/बीए की डिग्री के आधार पर नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षक नथुनी प्रसाद भारती व फर्जी अंक पत्र बनवाने वाले लिपिक शिव प्रसाद को जिला देवरिया से गिरफ्तार किया है.
नथुनी प्रसाद भारती पुत्र ग्राम-शेरवा बभनवली थाना-खुखुन्दू जनपद देवरिया तथा शिव प्रसाद ग्राम-चकिया थाना भाटपाररानी जनपद-देवरिया का रहने वाला था. जांच में पता चला था कि फर्जी डिग्री पर नथुनी कूटरचित अंकपत्रों के आधार पर प्राथमिक विद्यालय, जमुना छापर विकास क्षेत्र भलुअनी, जनपद देवरिया में अध्यापक पद पर नौकरी कर रहा है एवं नथुनी प्रसाद भारती का स्नातक (बी0ए0) का अंक पत्र कूटरचित है.
पूछताछ पर पता चला कि उसको यह फर्जी डिग्री शिव प्रसाद ने बनाकर दी थी. इसी आधार पर जांच के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया और इनसे पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पता लगाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर शिक्षक के पद पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करके उसके सरगना समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.
जांच में पता लगा था कि अनामिका के शैक्षिक दस्तावेज का दुरूपयोग करके विभिन्न जनपदों में अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी तरीके से चयनित होकर वेतन/मानदेय लिया जा रहा था.
posted by – arbind kumar mishra