अयोध्या : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण की नींव रखी. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी खास तौर पर मौजूद थे. इस मौके पर आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को रामराज्य की अवधारणा से जोड़ते हुए कहा कि मंदिर के लिये संघर्ष की इस परिणति ने लोकतांत्रिक पद्धति और संविधान सम्मत तरीके से समस्याओं के समाधान की भारत की ताकत का एहसास कराया है.
राम मंदिर भूमि पूजन से इतर योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज चैनल के साथ खास बातचीत में मस्जिद के शिलान्यास पर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने साफ कर दिया कि वो मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगे.
उन्होंने न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा, मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम में न मुझे कोई बुलाएगा और न ही मैं वहां जाऊंगा. योगी ने कहा, मेरा जो काम है वो काम मैं करूंगा. उन्होंने कहा, मैं अपने कार्य को हमेशा कर्तव्य और धर्म मानकर चलता हूं. मैं जानता हूं कि मुझे कोई बुलाएगा नहीं. इसलिए मैं जाऊंगा भी नहीं.
उन्होंने भूमि पूजन कार्यक्रम में कई बड़े नेताओं के शामिल नहीं होने पर भी कहा, हर समुदाय के लोग इस कार्यक्रम में आना चाहते थे, लेकिन कोरोना के कारण कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया. उन्होंने कहा, सिर्फ कांग्रेस की बात नहीं, भाजपा के भी कई बड़े नेता कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये.
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भूमि पूजन कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा, यह केवल मंदिर निर्माण के कार्यक्रम का शुभारंभ ही नहीं, बल्कि उसे भारत को दुनिया के सामने पेश करने का अवसर भी है जिसे आज से 6 वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रामराज्य की अवधारणा को चरितार्थ करने के लिए आगे बढ़ाया था.
उन्होंने कहा कि रामराज्य, जिसमें किसी के साथ जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर कोई भेदभाव नहीं होगा. ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को चरितार्थ करते हुए जिस कार्यक्रम को छह वर्ष पहले आगे बढ़ाया गया था, भगवान राम का भव्य दिव्य मंदिर उनकी कीर्ति के अनुरूप भारत के यश और कीर्ति को देश और दुनिया में इसी के रूप में आगे बढ़ाने का काम करेगा.
Posted By – Arbind Kumar Mishra