UP: योगी सरकार दो महीने में 6000 से अधिक जर्जर स्कूल भवनों पर चलाएगी बुलडोजर, सर्वाधिक लखीमपुर खीरी में
राज्य सरकार ने यूपी के सरकारी स्कूलों की दयनीय इमारतों में सुधार करने के लिए 6,466 स्कूलों का निरीक्षण किया था. अगले दो महीने में इनमें से जर्जर हो चुकी इमारतों पर कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 13,698 स्कूलों की इमारतों को टेक्निकल टीम की ओर से जांचा जा चुका है.
UP Education News: यूपी के 15,183 प्राइमरी सरकारी स्कूलों की इमारत को गिराने का निर्णय लिया गया है. अगे दो महीने के अंदर ही इस पर कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी. इन स्कूलों की जर्जर हो चुकी बिल्डिंग को जमींदोज करके उनकी जगह पर नये स्कूल बनाने की तैयारी की जा रही है.
6,466 स्कूलों का निरीक्षण किया
दरअसल, राज्य सरकार ने यूपी के सरकारी स्कूलों की दयनीय इमारतों में सुधार करने के लिए 6,466 स्कूलों का निरीक्षण किया था. अगले दो महीने में इनमें से जर्जर हो चुकी इमारतों पर कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 13,698 स्कूलों की इमारतों को टेक्निकल टीम की ओर से जांचा जा चुका है. इनमें से 7,232 इमारतों को पहले ही जमींदोज किया जा चुका है. वहीं, 7,911 इमारतों को ऑक्शन की प्रक्रिया में रखा गया है.
3000 स्कूलों पर काम शुरू
इसके अलावा अतिरिक्त 3000 स्कूलों की बिल्डिंग को मरम्मत और रंग-रोगन करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. टीओआई को इस संबंध में दिये गए बयान में बताया गया है कि डायरेक्टर जनरल स्कूल एजूकेशन (डीजीएसई) वीके आनंद ने बताया कि कई स्कूलों की स्थिति जर्जर बनी हुई है. ऐसे करीब 6000 स्कूलों को दो माह में जमींदोज करने की कार्रवाई की जा सकती है. वहीं, इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट करने का फैसला किया गया है. वहीं, 3000 नए स्कूलों की इमारतों पर काम शुरू हो चुका है.
टॉप 3 जिले जहां हैं ज्यादा जर्जर स्कूल
तकरीबन दो साल पहले राज्य सरकार ने अपनी मंशा जाहिर करते हुये आदेश दिया था कि प्रदेश के जर्जर हो चुकी स्कूली इमारतों की सूची तैयार की जाए. ऐसे बच्चों को सुरक्षित इमारत में शिक्षा देने के लिए कहा गया था. सर्वे के दौरान पाया गया कि लखीमपुर खीरी में सर्वाधिक 703, देवरिया, 464 और गाजीपुर में 427 स्कूलों की बिल्डिंग दयनीय अवस्था में आ चुकी है.
टीम में दो विभाग होंगे शामिल
अब धराशायी करने के लिए जिन स्कूलों का चयन किया जाएगा उस सूची पर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को मुहर लगाना है. वहीं, तकनीकी टीम की ओर नई इमारत को बनाने आदि में आने वाले खर्च का अनुमान बताना होगा. इसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे. वहीं, इमारतों के ध्वस्तीकरण और नीलामी की प्रक्रिया को अंजाम देने वाली टीम की अध्यक्षता बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला पंचायती राज के अधिकारी व सदस्य करेंगे.