UP में श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी योगी सरकार, 6 महीने में योजना लागू करने का खाका तैयार
श्रम विभाग की ओर से हाल में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन में 100 दिन से लेकर पांच साल के बीच किए जाने वाले कार्यों की योजना पेश की गई थी. इसमें निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर तक की शिक्षा मुफ्त दिए जाने की बात कही गई है.
Lucknow News: यूपी के श्रमिकों के लिए एक अच्छी खबर आई है. रुपए के अभाव में उनके बच्चों की पढ़ाई अब नहीं छूटेगी. योगी सरकार उनके साथ खड़ी होगी. स्नातक स्तर की सामान्य पढ़ाई से लेकर राजकीय कॉलेजों से इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई का खर्च भी अब सरकार उठाएगी. भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पूर्व जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में इसका वादा किया था.
सीएम योगी से की गई थी प्रजेंटेशन में चर्चा
श्रम विभाग की ओर से हाल में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन में 100 दिन से लेकर पांच साल के बीच किए जाने वाले कार्यों की योजना पेश की गई थी. इसमें निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर तक की शिक्षा मुफ्त दिए जाने की बात कही गई है. इस प्रस्ताव को छह महीने में जमीन पर लागू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. इससे करीब डेढ़ करोड़ पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को रोजगार मिल सकेगा.
योजना को किस तरह करेंगे लागू…
बता दें कि निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए अभी भी सरकार मदद कर रही है. उन्हें साइकिल, छात्रवृत्ति के साथ ही फीस की प्रतिपूर्ति भी की जाती है. उसके लिए कई तरह के स्लैब बनाए गए हैं. साधारण ग्रेजुएशन करने की दशा में 12 हजार तक और मेडिकल व इंजीनियरिंग में जरूरत के हिसाब से एक लाख रुपए तक की मदद की जाती है. इस नई योजना को लागू करते समय अब अलग-अलग स्लैब को बढ़ाने की तैयारी है. यदि किसी कोर्स में एक लाख से अधिक फीस हुई तो उसकी वास्तविक प्रतिपूर्ति की जाएगी.