profilePicture

UP News: योगी सरकार महाकुंभ 2025 को इस तरह बनाएगी भव्य और दिव्य, प्रयागराज को संवारने की कवायद शुरू

महाकुंभ-2025 के मद्देनजर विभागवार प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 24 नवंबर को प्रयागराज में होंगे. इस मौके पर वह महाकुंभ के प्रस्तावों को मंजूरी दे सकते हैं, जिसके बाद इन कार्यों में और तेजी देखने को मिलेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2022 2:29 PM
an image

Lucknow News: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन के लिए अभी से योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू हो गई है. योगी सरकार ने इसे कुंभ मेला 2019 से भव्य और दिव्य बनाने का निर्णय किया है.

इसके लिए प्रयागराज का पूरा स्वरूप बदल दिया जाएगा. विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं के जरिए इसे ऐसी शक्ल दी जाएगी कि देश और दुनिया के अलग अलग हिस्सों से आने वाले लोगों के लिए महाकुंभ 2025 यादगार बन जाए.

महाकुंभ-2025 के मद्देनजर विभागवार प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 24 नवंबर को प्रयागराज में होंगे. इस मौके पर वह महाकुंभ के प्रस्तावों को मंजूरी दे सकते हैं, जिसके बाद इन कार्यों में और तेजी देखने को मिलेगी.

संगम की रेती पर महाकुंभ-2025 के दौरान देश और दुनिया के श्रद्धालु इस भव्य आयोजन के भागीदार बनेंगे. संतों-भक्तों के दुनिया के सबसे बड़े समागम के लिए बसाए जाने वाला तंबुओं का यह शहर पिछले महाकुंभ से बड़ा होगा. इसके लिए 25 पांटून पुल बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. महाकुंभ की चकर्ड प्लेट सड़कों, गाटा मार्गों और पांटून पुलों को मिलाकर 483 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट का प्रस्ताव किया गया है.

महाकुंभ बसाने के लिए संगम की रेती पर होने वाले कार्यों की योजना तैयार कर ली गई है. अरैल से तीन किमी आगे तक महाकुंभ के विस्तार की योजना है. इस महाकुंभ के लिए माघ मेला की तुलना में पांच गुना अधिक पांटून पुल बनाने की योजना है. वीआईपी पर्यटकों और शीर्ष संतों के लिए अरैल साइड में अनंत माधव और चक्रमाधव पांटून पुल पहली बार बनाए जाएंगे. सोमेश्वर महादेव के आगे से लेकर फाफामऊ के बीच तंबुओं का शहर बसाया जाएगा.

अरैल साइड में ही टेंट सिटी का निर्माण होगा. टेंट सिटी के लिए पहली बार टेंट सिटी पांटून पुल बनेगा. मोरी पांटून पुल, हरिश्चंद्र पांटून, भरद्वाज पांटून पुल, गंगेश्वर पांटून पुल, वल्लभाचार्य पांटून पुल, बजरंगजास पांटून पुल, कैलाशपुरी पांटून पुल बनाए जाएंगे. भीड़ के दौरान श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए तीन अतिरिक्त पांटून पुल बनेंगे. इसी तरह चकर्ड प्लेट मार्गों के भी नामकरण कर लिए गए हैं.

संगम लोवर मार्ग के अलावा मुक्ति मार्ग, हर्षवर्धन मार्ग, शंकराचार्य मार्ग, तुलसी मार्ग, गोविंद मार्ग, अन्नपूर्णा मार्ग, वेणी माधव, बिंदु माधव, आदि माधव, शंख माधव, पद्म माधव, गदा माधव के नाम से भी मार्ग बनाए जाएंगे. पहली बार महाकुंभ में सोमेश्वर माधव मार्ग बनेगा. संकष्टहरण मार्ग, मनकामेश्वर, नारायण प्रभु, सरस्वती मार्ग, अलोपशंकरी मार्ग भी बनाए जाएंगे.

महाकुंभ के पांटून पुलों और चकर्ड प्लेट मार्गों के लिए पहले 644 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया गया था. लेकिन, अब इसे संशोधित करते हुए 483 करोड़ रुपये कर दिया गया है. पीडब्ल्यूडी के कुंभ मेला डिवीजन की ओर से इस संशोधित प्रस्ताव को शासन को भेज दिया गया है. महाकुंभ 2025 के मद्देनजर 43 सड़कों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है. इन सड़कों पर 458 करोड़ रुपये खर्च का अनुमानित बजट रखा है.

Next Article

Exit mobile version