Agra : लोन ना चुकाने पर घर का कब्जा लेने गई अफसरों की टीम को देखकर मकान मालिक ने किया आत्मदाह का प्रयास
आगरा की ट्रांस यमुना कॉलोनी फेस टू में लोन ना चुकाने पर घर पर कब्जा करने गई बैंक की टीम के सामने मकान मालिक कप्तान सिंह चौधरी ने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने कप्तान सिंह को रोक कर मिट्टी के तेल की बोतल को छीन लिया.
आगरा. ट्रांस यमुना कॉलोनी क्षेत्र में बैंक और प्रशासनिक टीम एक मकान को खाली करने के लिए पहुंची. मकान मालिक ने टीम के सामने ही मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया. ऐसे में मौके पर मौजूद पुलिस ने मकान मालिक कप्तान सिंह चौधरी से मिट्टी के तेल की बोतल को छीन लिया और उसे अपने साथ थाने ले गए. जहां पर मकान मालिक को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. साथ ही उसे एक दिन का समय दिया गया है जिसमें वह प्रशासन को मकान से संबंधित कागजात दिखाएगा. बता दें थाना एत्तमाददौला अंतर्गत ट्रांस यमुना कॉलोनी फेस 2 के ब्लॉक जी 52 के निवासी कप्तान सिंह चौधरी ने 2005-6 में कमला नगर स्तिथ एसबीआई बैंक से 775000 रुपए का लोन लिया था. जिसकी किश्ते लोन धारक द्वारा को जा रही थी. लेकिन कुछ समय बाद लोन की किश्त बाउंस हो गई. ऐसे में बैंक द्वारा वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया. इसके बाद यह मामला आगरा के एडीएम वित्त के कोर्ट में पहुंचा. जहां बैंक द्वारा कप्तान सिंह को 7 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा गया.कप्तान सिंह चौधरी के पुत्र संजय ने बताया कि एडीएम कोर्ट में मेरे पिता ने पूरा पैसा जमा करा दिया था. लेकिन भूलवश बैंक से कोई भी एनओसी नहीं ली. जिसकी वजह से बैंक अधिकारी हमें समय समय पर परेशान कर रहे हैं. इसके बाद हमारा मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और आज हमारे पक्ष में फैसला भी आ गया है. लेकिन आदेश साइट पर अपलोड नहीं हुआ है. इससे पहले ही बैंक अधिकारियों ने हमारे घर पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है. कब्जा करने गई टीम के साथ काफी देर तक हंगामा होता रहा.
कागजात दिखाने के लिए एक दिन का समय दिया : SHO
थाना एत्माद्दौला प्रभारी राजकुमार सिंह का कहना है कि ट्रांस यमुना फेस टू में डीसीपी सिटी के आदेशानुसार कब्जा मुक्त कराने मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल गया था. इस दौरान मकान मालिक उग्र हो गया और अपने ऊपर तेल डालने लगा. जिसके बाद उसे गिरफ्त में लेकर थाना ले जाया गया. जिसके बाद बुजुर्ग को अपनी गलती का अहसास हुआ और बुजुर्ग को चेतावनी देकर छोड़ दिया. वहीं बैंक द्वारा बुजुर्ग को एक दिन का समय कागजात दिखाने के लिए दिया गया है.