Agra News: यमुना के जहरीले पानी से दर्जनों मछलियां मृत, आरोप- कारखानों के केमिकल से हालात हुए बेकाबू
यमुना नदी में करीब एक दो दिन से जहरीला पानी आने की वजह से तमाम मछलियां मर गई जो कि यमुना नदी किनारे तैरती हुई पाई गई।
Agra News: वायु प्रदूषण के बाद यमुना नदी के पानी पर भी प्रदूषण की मार मंगलवार की सुबह साफ दिखने लगी. सुबह तमाम लोग रामबाग स्थित यमुना नदी के पुल के नीचे मछलियों को आटा डालने आए तो दर्जनों की तादाद में मृत मछलियां उन्हें किनारे पर तैरती दिखाई दी. आटा डालने वाले लोग एकबारगी उन मछलियों को तैरता देख सहम गए.
वहीं, उन्होंने यमुना नदी के पानी को प्रदूषित करने वाले लोगों को जमकर कोसा. नदी किनारे पड़ी मृत मछलियों को पकड़ने के लिए तमाम मछुआरे भी मौजूद थे जो उन्हें ले जाकर बाजार में बेच रहे हैं. इससे पहले भी यमुना नदी में पानी जहरीला होने की वजह से मछलियों के मरने का सिलसिला सामने आया है लेकिन प्रशासन इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है.
आपको बता दें यमुना नदी के पुल के नीचे रोज सुबह कई लोग मछलियों को आटा डालने आते हैं. आज सुबह भी जब वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि नदी किनारे करीब 30-40 मछलियां मृत अवस्था में तैर रही थीं, यह देख कर आटा डालने वाले लोग एक बारगी सहम गए.
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि आज सिर्फ 30-40 मछलियां ही यहां पर हैं. लेकिन इससे एक-दो दिन पहले यहां पर हजारों की संख्या में मछलियां मृत अवस्था में पड़ी हुई थीं. साथ ही नदी में इतना गंदा और बदबूदार पानी आ रहा था, जिसकी वजह से यहां पर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था. लोगों का मानना है कि आगरा में यमुना नदी किनारे तमाम फैक्ट्रियां स्थित हैं जिनमें से निकलने वाला केमिकल का गंदा पानी यमुना नदी के पानी को प्रदूषित कर रहा है और उसी से यह मछलियां मर रही हैं.
लोगों ने बताया कि जिस दिन यहां पर हजारों की तादात में मछलियां मृत पड़ी हुई थी, उस दिन सैकड़ों मछुआरे इन मछलियों को थैले में भर-भर कर ले जा रहे थे ताकि वो इन मछलियों को बाजार में बेच सकें. जहरीले पानी से मरी इन मछलियों को बाजार में जो भी व्यक्ति खरीदेगा और घर में खाने के लिए प्रयोग करेगा वह कहीं ना कहीं गंभीर रूप से बीमार हो सकता है.
करीब 20 जुलाई 2021 के दिन भी यमुना नदी में हजारों मृत मछलियां पाई गई थीं. जिसके बाद अधिकारियों से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा था कि दिल्ली में पानी जहरीला होने की वजह से मछलियां मरी हैं और बह कर वह आगरा पहुंच गई हैं जबकि आगरा का पानी पूर्ण रूप से प्रदूषण रहित है.
(रिपोर्ट: राघवेंद्र, आगरा)
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