समाजवादी पार्टी के गठन के बाद पहली बार इस सीट से विधायक बने थे मुलायम सिंह, सपा के लिए है वीआईपी सीट

फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट सपा के लिए वीआईपी सीट मानी जाती है. यहां समाजवादी पार्टी के गठन के बाद पहली बार मुलायम सिंह विधायक बने थे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 18, 2022 8:07 PM

फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट की अगर बात की जाए तो यह सीट सपा के लिए वीआईपी सीट मानी जाती है. क्योंकि समाजवादी पार्टी के गठन के बाद इस सीट पर जीतकर पहली बार मुलायम सिंह विधायक बने थे. इस सीट की एक बात यह भी रोचक है कि यहां पर सर्वाधिक निर्दलीय प्रत्याशी अपनी जीत दर्ज कराते रहे हैं.

2017 में यहां से बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश वर्मा ने अपनी जीत दर्ज कराई थी. जोकि अब भाजपा छोड़कर सपा में चले गए हैं और यहां से सपा के प्रत्याशी हैं. बीजेपी ने ओमप्रकाश वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बसपा ने डॉक्टर अनिल कुमार और कांग्रेस ने शशि शर्मा को यहां से मैदान में उतारा है.

शिकोहाबाद विधानसभा सीट 1952 में अस्तित्व में आई थी और पहली बार यहां कांग्रेस पार्टी से महाराज सिंह ने अपनी जीत दर्ज की थी. इस सीट पर अब तक छह बार निर्दलीय प्रत्याशी जीत चुके हैं और यह सबसे ज्यादा संख्या है. 1992 में जब समाजवादी पार्टी का गठन हुआ, तो उसके बाद मुलायम सिंह यादव इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़े और विधायक चुने गए. जिसकी वजह से सपा के लिए यह सीट वीआईपी मानी जाती है.

2022 की विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा ने इस बार यहां पर ओम प्रकाश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. क्योंकि इनके वर्तमान विधायक मुकेश वर्मा भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं. ओम प्रकाश शर्मा पहली बार यहां पर सपा से 2012 में विधायक हुए थे.

समाजवादी पार्टी ने भाजपा से बागी हुए मुकेश वर्मा को यहां से टिकट दी है. मुकेश वर्मा वर्तमान विधायक हैं और भाजपा छोड़कर सपा जॉइन कर चुके हैं. बसपा की बात करें तो बसपा ने यहां से डॉक्टर अनिल कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है. 1952 से लेकर अब तक इस सीट पर बसपा का खाता नहीं खुला है.

कांग्रेस की बात की जाए तो इस सीट पर सबसे पहले 1952 में कांग्रेस के प्रत्याशी महाराज सिंह नहीं पहली जीत दर्ज कराई थी. इस बार कांग्रेस ने यहां से शशि शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है.

ये है जातिगत समीकरण

जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो यहां सबसे ज्यादा संख्या में यादव हैं. वहीं दूसरे नंबर पर निषाद आते हैं, जिसके बाद जाटव, मुस्लिम,वैश्य, ब्राह्मण, क्षत्रिय, बघेल, कुशवाह व अन्य जातियां आती हैं.

रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा

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