Firozabad News. सुहाग नगरी फिरोजाबाद जिले की जसराना विधानसभा से इस समय बीजेपी के रामगोपाल उर्फ पप्पू लोधी विधायक हैं. 2017 के चुनाव में रामगोपाल ने अपने प्रतिद्वंदी सपा के शिव प्रताप को 20000 वोटों से हरा दिया था और जसराना विधानसभा पर अपनी जीत दर्ज कराई थी. बीजेपी ने पूर्व विधायक रामगोपाल लोधी की टिकट काटकर मानवेंद्र प्रताप लोधी को इस सीट से चुनाव में उतारा है.
वहीं सपा में शिव प्रताप की टिकट काटकर इंजीनियर सचिन यादव को मैदान में उतारकर यादव वोट को अपनी तरफ करने का पैंतरा चला है. बसपा ने जसराना से सूर्य प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने विजय नाथ वर्मा पर अपना दांव चला है. जसराना विधानसभा पर जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो इस विधानसभा में पाल, बघेल और यादव जाति के मतदाता अधिक संख्या में हैं. वहीं अन्य पिछड़ी जाति के मतदाता भी इस विधानसभा पर निर्णायक की भूमिका में रहते हैं.
जसराना विधानसभा सीट पर लंबे समय तक समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है. 1993 में रामवीर सिंह यादव समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और लगातार तीन बार उन्होंने यहां पर अपनी जीत दर्ज कराई. जिसके बाद 2007 में रामवीर सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के आगे हार गए. लेकिन वहीं 2012 में फिर से उन्होंने इस सीट पर अपनी जीत दर्ज कराई और समाजवादी पार्टी के खाते में सीट पहुंच गई. वहीं 2017 में बीजेपी के रामगोपाल ने समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाली जसराना सीट पर सेंध लगाई और अपनी जीत दर्ज कराई.
बीजेपी ने इस बार फिर से यहां के लोधी वोट को अपनी तरफ करने के लिए मानवेंद्र प्रताप लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है. मानवेन्द्र की सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी इंजीनियर सचिन यादव से रहेगी. वहीं कांग्रेस के विजय नाथ वर्मा भी बीजेपी के वोट में जातिगत आंकड़ों के अनुसार सेंध लगा सकते हैं.
जसराना से सपा ने नए चेहरे पर दांव लगाया है. सपा ने इस सीट पर चार बार विधायक रहे रामवीर सिंह के बड़े भाई के बेटे इंजीनियर सचिन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. सचिन यादव अमेरिका से इंजीनियरिंग करके आए हैं और 3 साल से क्षेत्र में सक्रिय हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के लिए उनके पूर्व प्रत्याशी सर दर्द बनते नजर आ रहे हैं. दरअसल सपा ने 2017 में शिव प्रताप सिंह को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. जिसके बाद वह लगातार 5 साल से क्षेत्र में जनसंपर्क करने में लगे हुए थे.
इस बार उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी फिर से उन पर भरोसा जताएगी और उन्हें यहां से टिकट देगी. लेकिन शिव प्रताप सिंह को टिकट ना मिलने से जसराना की तमाम जनता विरोध करती नजर आ रही है. शिव प्रताप सिंह इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और जनता की माने तो वह सपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं.
रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा