Agra News: जब चांद की रोशनी में चमकते हैं ताजमहल में लगे 16 तरह के पत्थर तो लोग कहते हैं- ‘वाह ताज’…

ताजमहल के पत्थरों में की गई पच्चीकारी में देश-विदेश से मंगाए गए 16 तरह के पत्थरों का प्रयोग किया गया है यह पत्थर चांदनी रात में चमक उठते हैं

By Contributor | November 27, 2021 9:01 PM
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Agra News: मुगल सम्राट शाहजहां ने ताजमहल के निर्माण में संगमरमर के अलावा दुनिया की 16 जगहों से पत्थर मंगवाए थे. उन पत्थरों को ताजमहल की पच्चीकारी में प्रयोग किया गया था. इन पत्थरों को ताजमहल के म्यूजियम में सहेज कर रखा गया है. म्यूजियम के इंचार्ज आरके सिंह के अनुसार पत्थरों की अपनी पहचान है.

दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को कौन नहीं जानता है. ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था. ताजमहल का निर्माण संगमरमर के पत्थरों से किया गया था, जिसकी वजह से इसे संगमरमरी हुस्न की इमारत भी कहा जाता है. प्यार के प्रतीक के रूप में देखे जाने वाला ऐतिहासिक स्मारक ताजमहल अपने आप में एक अलग इतिहास संजोए हुए है. ताजमहल का दीदार करने आने वाले तमाम पर्यटकों में से कोई इसके संगमरमर पत्थर पर फिदा है तो कोई पत्थर के ऊपर की गई पच्चीकारी का दीवाना है.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ताजमहल के संगमरमर पत्थर पर जो पच्चीकारी की गई है उसमें ऐसा क्या खास है जिससे पर्यटक उसके दीवाने बन जाते हैं. ताजमहल स्मारक में स्थित म्यूजियम के इंचार्ज आरके सिंह का कहना है कि ताजमहल में की गई पच्चीकारी इसलिए खास है क्योंकि इस पच्चीकारी को देश-विदेश से लाए गए 16 पत्थरों द्वारा बनाया गया है. 16 तरह के जो पत्थर देश-विदेश से लाए गए. उनसे ताजमहल के ऊपर पच्चीकारी की गई है, जो ताजमहल की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.

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जिन 16 पत्थरों से ताजमहल में पच्चीकारी हुई है वो पत्थर चांदनी रात में चमकते हैं. जिसे लोग चमकी कहते हैं. उसका दीदार करने देश-विदेश से पर्यटक शरद पूर्णिमा की रात को पहुंचते हैं. शरद पूर्णिमा की रात को जब चांद की रोशनी इन पत्थरों द्वारा की गई पच्चीकारी पर पड़ती है तो यह चमक उठते हैं.

16 तरह के पत्थरों के नाम

पत्थर————–आने का स्थान

1. ग्रीन जेड———-चाइना

2. मेलाकाइट——–रशिया

3. कोरल————बगदाद (इराक)

4. कार्नेलियन——–सूरत (गुजरात)

5. तुरकोइसे————तिब्बत

6. लापीस लाजुली——-अफगानिस्तान

7. टाइगर आईज——श्रीलंका

8. पंखुनि————बल्ख

9. संगमुस———–जयपुर

10. सममोग———-अरेबिया

11. खट्टू———–जैसलमेर

12. सुरख ———–पन्ना (मध्यप्रदेश)

13. घर————–जबलपुर (मध्यप्रदेश)

14. मग्नटिस——–जबलपुर (मध्यप्रदेश)

15. पल ज़हर——-ग्वालियर (मध्यप्रदेश)

16. संगमरमर——–मकराना (राजस्थान)

(रिपोर्ट:- राघवेंद्र सिंह, आगरा)

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