Loading election data...

Agra News: बच्चे को मरा हुआ समझ अस्पताल में छोड़कर भागे घरवालें फिर डॉक्टरों ने उठाया ये कदम

Agra News: बच्चे की हालत सुधारने पर अस्पताल प्रशासन ने उसके पिता के नंबर पर संपर्क किया तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2022 6:31 AM

Agra News: ताजनगरी में एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसने सबके रोंगटे खड़े कर दिए और सबकी संवेदनाएं जाग गई. दरअसल एक परिवार अपने बच्चे को अस्पताल में मरा हुआ समझ और पैसे ना होने की वजह से छोड़कर चला गया. अस्पताल प्रशासन ने बच्चे की हालत सुधरने पर और उसके जीवित होने की बात बताने के लिए परिवार को कई बार संपर्क किया. लेकिन किसी से बात नहीं हो पाई. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने बच्चे के जिंदा होने का वीडियो बनाकर परिवार के नंबर पर भेजा. तब जाकर कहीं परिजन बच्चे को लेने के लिए अस्पताल पहुंचे.

घरवालों ने अस्पताल में छोड़ा

प्राप्त जानकारी के अनुसार सिकंदरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिनर्जी प्लस हॉस्पिटल में इटावा के जैनई गांव निवासी रंजीत सिंह अपने 6 महीने के बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे थे. बच्चे को बुखार, उल्टी और मल के रास्ते खून आने की शिकायत थी. जिसके लिए हॉस्पिटल में बच्चे का इलाज करा रहे थे. हॉस्पिटल के डॉक्टर रनवीर त्यागी के अनुसार बच्चे की हालत बिगड़ने पर 20 जनवरी को उसे वेंटिलेटर पर रखकर इलाज किया जा रहा था. बच्चे के परिजन और रिश्तेदार उसे मरा हुआ समझकर दोपहर को बिना बताए हॉस्पिटल से रफूचक्कर हो गए.

Also Read: मथुरा में हथियार बनाने वाले अवैध कारखाने का पुलिस ने किया खुलासा, यूपी के चुनावी माहौल में अपराधी सक्रिय
अस्पताल वालों ने उठाया ये कदम

शुक्रवार सुबह तक बच्चे के घरवालों की तरफ से जब कोई संपर्क नहीं हो पाया तो अस्पताल प्रशासन ने बच्चे के जिंदा होने का वीडियो बनाकर उसके पिता के मोबाइल पर भेज दिया. वहीं दूसरी तरफ उन्होंने बच्चे के जिंदा होने की सूचना सिकंदरा पुलिस को भी दे दी. पुलिस ने भी परिजनों से कई बार फोन किए लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया. वहीं अस्पताल प्रशासन की तरफ से बताया गया कि बच्चे के इलाज के लिए उसके पिता से कोई भी पैसा नहीं लिया गया.

बच्चे के पिता रंजीत का कहना है कि शादी के 10 साल बाद उन्हें पहला बेटा हुआ था. जिसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लेकर आए थे. जहां डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा था. वह यह देखकर घबरा गए की वेंटीलेटर पर बच्चे के इलाज का खर्च ज्यादा होगा और उनके पास देने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके बाद वह बच्चे को मरा हुआ समझकर वहां से वापस चले गए. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अस्पताल की तरफ से बनाए गए वीडियो को देखा. तब वह अस्पताल पहुंचे और अपने बच्चे को लेकर अब सैफई इलाज के लिए जा रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन की तरफ से उनसे कोई भी पैसा नहीं लिया गया है.

Next Article

Exit mobile version