आगरा. आगरा के कस्बा पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी से आवागमन के लिए चलाए जा रहे जा रहे स्टीमर पर 100 से ज्यादा यात्री बैठे हुए थे. अचानक से स्टीमर निर्माणधीन पुल की सरिया में फंस गया. काफी कोशिश करने पर भी जब स्टीमर नहीं निकला तो यात्री घबराने लगे और चीख पुकार मच गई. इसके बाद वन विभाग की वोट का सहारा लिया गया. करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद सभी यात्रियों को सकुशल बाहर निकाला गया. पूरे मामले में स्टीमर का संचालन करने वाले कर्मचारी और ठेकेदार की लापरवाही सामने आई. जल्द बचाव कार्य नहीं किया जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था.
बता दें कस्बा पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी घाट पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के यात्रियों के आवागमन के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा निशुल्क स्टीमर का संचालन नदी पर किया जा रहा है. स्टीमर का संचालन प्राइवेट ठेकेदार और उसके कर्मचारियों द्वारा किया जाता है. रोजाना स्टीमर की मदद से हजारों की संख्या में यात्री नदी पार करते हैं. मंगलवार शाम करीब 5:00 बजे उत्तर प्रदेश की सीमा से मध्य प्रदेश की तरफ जाने के लिए करीब 150 यात्री एक स्टीमर में सवार हुए. इसके बाद स्टीमर को चंबल नदी पार कर ले जाया जा रहा था. इस दौरान स्टीमर का संचालन करने वाले कर्मचारी उसे चंबल नदी के बीच निर्माणधीन पक्के पुल के पास ले गए. स्टीमर पुल में लगी हुई सरिया में फंस गया. काफी देर तक मशक्कत करने के बाद भी स्टीमर नहीं निकला तो उसमें बैठी सवारियां में चीख पुकार मच गई.
Also Read: Ram Mandir Update : 22 जनवरी को विराजमान हाेंगे भगवान राम, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीखों का ऐलान
वही यहां पर स्टीमर संचालक की लापरवाही भी देखने को मिली. जिसमें यात्रियों की जान जोखिम में डालकर पक्के पुल पिलर के ऊपर से स्टीमर निकाला जा रहा था. इससे पहले भी स्टीमर ठेकेदार और कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली है. लेकिन इन पर कभी भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. जिसकी वजह से इस बार भी इन्होंने यात्रियों की जान को खतरे में डाला.वही काफी देर तक जब स्टीमर नहीं निकला तो वन विभाग की बोट की मदद से थोड़े थोड़े कर यात्रियों को किनारे पर लाया गया. करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद सभी यात्री सकुशल किनारे पर पहुंचे. तब जाकर विभाग और यात्रियों ने चैन की सांस ली.