अलीगढ़ : CBI ने CGST अधीक्षक सहित चार कर्मियों को रिश्वत लेते पकड़ा, नोटिस निस्तारण के नाम पर लेते थे रिश्वत
अलीगढ़ में सीजीएसटी कार्यालय पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार में लिप्त चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह लोग नोटिस निस्तारण के नाम पर रिश्वत लेने का काम करते थे. इस मामले में एटा के निवासी राकेश कुमार पांडे ने 4 अक्टूबर को सीबीआई में शिकायत की थी.
अलीगढ़: अलीगढ़ में सीजीएसटी कार्यालय पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार में लिप्त चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह लोग नोटिस निस्तारण के नाम पर रिश्वत लेने का काम करते थे. इस मामले में एटा निवासी राकेश कुमार पांडे ने 4 अक्टूबर को सीबीआई में शिकायत की थी. जिसमें आरोप लगाया था कि सीजीएसटी के अलीगढ़ लाल डिग्गी कार्यालय से जारी नोटिस का निस्तारण करने के नाम पर सीजीएसटी अधीक्षक किरण पाल सिंह ने 30 हज़ार रुपये रिश्वत मांगी थी. उनके सहयोगी निरीक्षक रोहित वार्ष्णेय, प्रदीप कुमार और सहायक संचित चौहान ने धमकी दी थी, कि अगर रुपए नहीं दिए तो फाइल लखनऊ भेज दी जाएगी. हालांकि बाद में 25 हज़ार रुपये में बात तय हुआ. राकेश कुमार की शिकायत पर सीबीआई गाजियाबाद यूनिट की एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और अधीक्षक केपी सिंह को राकेश कुमार पांडे से रिश्वत के 25 हज़ार रुपये लेते हुए रंगे हाथ ऑफिस से गिरफ्तार किया गया.सीबीआई के पहुंचने से कार्यालय में हड़कम्प मच गया था. गुरुवार को सीबीआई की टीम अलीगढ़ में लाल डिग्गी स्थित कार्यालय पहुंची थी. इस दौरान कार्यालय में केपी सिंह, रोहित, प्रदीप, संचित भी मौजूद थे.
शिकायत मिलने पर सीबीआई ने जाल बिछाया
सीबीआई ने भ्रष्टाचार में शामिल इन लोगों के साक्ष्य एकत्र किये. सीबीआई की टीम शुक्रवार को देर रात तक कार्रवाई में जुटी रही. सीबीआई की टीम चारों आरोपियों के घर भी गई. जहां साक्ष्य संकलित किया. चारों आरोपियों के अलीगढ़ में ही स्थाई मकान है.
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25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गये
शुक्रवार को सीबीआई ने गाजियाबाद स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चारों को पेश किया. जहां से चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी. सीबीआई टीम ने बताया कि एंटी करप्शन टीम द्वारा प्रदीप कुमार से 25 हजार रुपये बरामद किए गए है. सीबीआई टीम के अनुसार रिश्वत लेते समय चारों एक ही कमरे में मौजूद थे. उनकी बातचीत के सबूत भी मौजूद है. सीबीआई ने कोर्ट से अनुरोध किया कि इनको छोड़ा जाना ठीक नहीं होगा. अगर यह छोड़े गए तो साक्ष्य को मिटाने और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में रखने का अनुरोध किया.
मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी
सीजीएसटी कार्यालय में फाइल निस्तारण के नाम पर रिश्वत का खेल चल रहा था. हालांकि केपी सिंह और रोहित कर निरीक्षक नहीं है. लेकिन यह लोगों को निरीक्षक बनकर डराते हैं और वसूली करते हैं. सीबीआई ने इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और साजिश की धारा में मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले की सीबीआई कोर्ट में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.