AMU में अपॉइंटमेंट के लिए सिलेक्शन कमेटी रद्द करने की मांग को लेकर छात्र बाबे सैयद गेट पर धरने पर बैठे
Aligarh Muslim University में कार्यवाहक कुलपति की कार्य शैली को लेकर छात्रों ने मोर्चा खोल दिया हैय. देर रात मांगें पूरी न करने पर छात्र बाबे सैयद गेट पर धरने पर बैठे गये है. 24 घंटे पहले कार्यवाहक कुलपति को अपॉइंटमेंट संबंधी सिलेक्शन कमिटी कैंसिल करने की मांग छात्रों ने की थी.
अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU ) में कार्यवाहक कुलपति की कार्य शैली को लेकर छात्रों ने मोर्चा खोल दिया हैय. देर रात मांगें पूरी न करने पर छात्र बाबे सैयद गेट पर धरने पर बैठे गये है. 24 घंटे पहले कार्यवाहक कुलपति को अपॉइंटमेंट संबंधी सिलेक्शन कमिटी कैंसिल करने की मांग छात्रों ने की थी. छात्रों का कहना है कि कार्यवाहक कुलपति अपने फायदे के काम कर रहे है. जब कि छात्रों की समस्याओं को नहीं सुना जा रहा है. कार्यवाहक कुलपति न तो रेगुलर कुलपति की नियुक्ति के लिए पैनल गठन की कवायद कर रहे है. और न ही स्टूडेंट यूनियन के चुनाव करा रहे है. वहीं एप्वांटमेंट के लिए सेलेक्शन कमेटी करा रहे है. छात्रों ने सिलेक्शन कमेटी कैंसिल करने की मांग की थी. लेकिन कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने छात्रों की मांगों को नजर अंदाज कर दिया है. छात्रों ने कार्यवाहक कुलपति पर AMU एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया है. वहीं छात्र मांगों को लेकर AMU के बाबे सैयद गेट पर धरने पर बैठ गये हैं.
छात्रों ने गुरुवार को जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन किया था. जिसमें उन्होंने छात्र संघ चुनाव करने की मांग रखी थी. AMU एक्ट के तहत छात्र संघ होना चाहिए , छात्र यासिर अख्तर ने बताया कि कार्यवाहक कुलपति जिस मकसद से आए थे. वह उस जिम्मेदारी को पूरा करें. रेगुलर कुलपति नियुक्त करने को लेकर पैनल का गठन करें. कुलपति को जिस चीज को करना चाहिए वह नहीं कर रहे हैं. छात्र यासिर अख्तर ने कहा कि सिलेक्शन कमिटी अवैध है . कार्यवाहक कुलपति को अपॉइंटमेंट की पावर नहीं है. मिनिस्ट्री की तरफ से कार्यवाहक कुलपति ऑर्डर मांगते हैं. शिक्षा मंत्रालय की तरफ से इन्हें आर्डर दिया जाता है, जो AMU एक्ट का वायलेशन है. AMU एक्ट को बाईपास कर अपॉइंटमेंट करना चाह रहे हैं. इसके विरोध में छात्र धरने पर बैठे हैं. छात्र पहले रेगुलर कुलपति का पैनल और छात्र संघ चुनाव की मांग पर अड़े हैं. यासिर ने बताया कि हमारी डिमांड जब तक पूरी नहीं होती है, बाबे सैयद गेट पर धरना जारी रहेगा.
कार्यवाहक कुलपति पिछले 5 महीने से कुर्सी पर बैठे हैं. पिछले कुलपति डॉ तारिक मंसूर ने नए कुलपति को लेकर कोई कवायद नहीं की, इस्तीफा देखकर वह भाजपा से एमएलसी बन गए, छात्रों ने कार्यवाहक कुलपति पर स्टूडेंट की समस्याओं को अनदेखी करने का आरोप लगाया है. छात्र आमिर ने बताया कि न तो रेगुलर कुलपति बनाने के लिए पैनल का गठन किया जा रहा है, न ही छात्रसंघ चुनाव कराए जा रहे हैं . कुलपति अपने फायदे के काम कर रहे हैं. छात्रों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आमिर ने कि अगर विश्वविद्यालय ठीक से चल रहा है तो फिर स्टूडेंट यूनियन का चुनाव क्यों नहीं कराया जा रहा है. छात्र अब अपनी मांग को लेकर आर – पार लड़ाई को तैयार है.