Aligarh : भाजपा की राष्ट्रीय टीम में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ तारिक़ मंसूर को शामिल किया है. उन्हें संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. इससे पहले भाजपा ने डॉक्टर तारिक मंसूर को एमएलसी बनाया था. हालाकि उनको भाजपा की राष्ट्रीय टीम में शामिल करने के फैसले को पसमांदा मुसलमानों के लिए पार्टी की पहल का हिस्सा माना जा रहा है. भाजपा ने संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर एक बड़ा मैसेज देने की कोशिश की है.
भाजपा मुस्लिम समुदाय के उत्थान एवं उनके जमीनी विकास के लिए गंभीर है. डा तारीक मंसूर को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं. लोगों का मानना है कि 2024 की तैयारी को लेकर भाजपा मुसलमानों के वोट को साधने का काम कर रही है. हालांकि सोशल मीडिया पर डॉ तारीक मंसूर को बधाइयां और शुभकामनाएं दी जा रही है. लेकिन भाजपा संगठन में उन्हें शामिल कर एक बड़ा टास्क दिया है.
समाजवादी पार्टी से दो बार के विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने कहा कि एएमयू के पूर्व कुलपति को संगठन में शामिल करना दर्शाता है कि देर से आए दुरुस्त आए. भाजपा को मुसलमानों का ख्याल तो आया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर तारीक मंसूर की जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है. देखना यह है कि डॉक्टर तारीक मंसूर को भाजपा इस्तेमाल करती है या डॉक्टर तारीक साब भाजपा का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तो बना दिया है लेकिन इनकी पावर्स क्या होंगी. क्या केवल 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इनको बनाया है.
उन्होंने कहा कि डा तारीक मंसूर को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है वहीं एएमयू का फंड दिनों दिन कम होता जा रहा है. जेएन मेडिकल कॉलेज का फंड बढ़वाएं . मेडिकल कॉलेज को एम्स का दर्जा दिलाएं. अगर यह काम कराते है तो असर पड़ेगा. केवल उपाध्यक्ष बना देने से मुसलमान खुश नहीं होगा.
वही बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता और मेयर का चुनाव लड़ चुके सलमान शाहिद ने कहा तारिक मंसूरी एएमयू के पूर्व कुलपति रहे हैं. इससे पहले वह जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल थे. भाजपा से उनकी नजदीकियां जगजाहिर है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को ऐसे लोगों को आम जनता के बीच भेजना चाहिए जो लोगों की परेशानियों को बेहतर तरीके से समझ सकें.
डा तारीक मंसूर जब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल थे. आम आदमी इलाज के लिए परेशान रहता था. मेडिकल कॉलेज में बहुत सी सुविधाएं आज भी नहीं है. जिसकी वजह से गरीब आदमी दम तोड़ता है. वह चाहते तो मेडिकल कॉलेज को बहुत अपग्रेड कर सकते थे. लेकिन वह केवल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहते है.
उन्होंने कहा कि भाजपा का भी अपना निजी स्वार्थ है. भाजपा ऐसे कमजोर, गुमनाम और खामोश व्यक्ति को अपने दल से जोड़ती है. जिससे संदेश देना चाहती है कि हम सबको साथ लेकर चल रहे हैं, लेकिन जो कमजोर व्यक्ति होगा. वह समाज की आवाज नहीं उठा पाएगा. वह अपने समाज के लोगों की मदद नहीं कर पाएगा. उन्होंने कहा कि अलीगढ़ से निकली आवाज पूरे देश में जाती है. भाजपा ने हमेशा की तरह छल कपट कर भ्रम फैलाकर मुस्लिम समाज को गुमराह कर रही है.
वहीं, राष्ट्रवादी नेता रुबीना खानम ने कहा कि डा तारीख मंसूर को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने साबित कर दिया है कि वह मुसलमानों की सच्ची हितैषी है. मुसलमानों के विकास के लिए काम करना चाहती है. इससे पहले कांग्रेस, सपा, बसपा ने मुसलमानों को मंत्री, एमपी, एमएलए भले ही बनाया हो, लेकिन मुसलमानों के लिए सही विकास नहीं किया.
भाजपा ही मुसलमानों का उत्थान कर सकती है. मुसलमानों को भी अब समझ जाना चाहिए कि उनका दोस्त कौन है और दुश्मन कौन है. क्योंकि भाजपा ऐसी पार्टी है जो मुसलमानों को बंधुआ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहती है. इसलिए मुसलमानों को सपा, बसपा, कांग्रेस की राजनीति को छोड़कर भाजपा की राजनीति से जुड़ना चाहिए.