स्वर कोकिला लता मंगेशकर का अलीगढ़ से था ये खास रिश्ता, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

सुरों की रानी स्वरकोकिला लता मंगेशकर अब भले ही इस दुनिया में नहीं हो, लेकिन उनके गीत सदा के लिए अमर हो गये हैं. लता दीदी का अलीगढ़ के गोपालदास नीरज और संगीतकार रविन्द्र जैन से बेहद खास रिश्ता रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2022 4:57 PM

Aligarh News: भारत की स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर का अलीगढ़ से शब्द और सुरों रिश्ता था. अलीगढ़ के गीतकार पद्मश्री गोपालदास नीरज और संगीतकार रविन्द्र जैन का दो अलग-अलग विधाओं में लता मंगेशकर से जुड़ाव रहा था.

गोपालदास नीरज के लिखे गीत गाए लता मंगेशकर ने

अलीगढ़ की प्रसिद्ध गीतकार पद्मश्री गोपालदास नीरज ने फिल्म प्रेम पुजारी का गीत रंगीला रे, तेरे रंग में यूं रंगा है मेरा मन, छलिया रे, न बुझे है, किसी जल से यह जलन … लिखा, जिसे लता मंगेशकर ने बड़े ही खूबसूरती से गाया था. प्रेम पुजारी का ही दूसरा गीत शोखियों में घोला जाये, फूलों का शबाब, उसमें फिर मिलायी जाये, थोड़ी सी शराब, होगा यूं नशा जो तैयार, वो प्यार है… को भी गोपालदास नीरज ने लिखा और लता मंगेशकर ने गाया. फिल्म शर्मीली का गीत मदहोश हुआ जाए ये मेर मन… भी नीरज जी ने लिखा और लता दीदी ने गाया.

रविन्द्र जैन ने लता मंगेशकर के गीतों को दिया संगीत

जहां एक ओर गोपाल दास नीरज ने लता मंगेशकर के लिए गीत लिखे, वहीं अलीगढ़ के रविंद्र जैन, जोकि संगीतकार थे, उन्होंने लता मंगेशकर के कई गीतों को अपने सुरों से सजाया और उसमें संगीत दिया. संगीतकार रविन्द्र जैन ने चितचोर, राम तेरी गंगा मैली, गीत गाता चल, नदिया के पार जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया था. रविन्द्र जैन की पुण्यतिथि पर लता मंगेशकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर लिखा था कि आज महान संगीतकार, कवि और गायक रविन्द्र जैन की पुण्यतिथि है. मैं उनकी प्रतिभा को प्रणाम करती हूं. लता दी ने फिल्म राम तेरी गंगा मैली के गीत एक राधा एक मीरा… का वीडियो साझा करते हुए रवींद्र जैन को याद किया था. लता मंगेशकर के साथ-साथ, अब गोपालदास नीरज और रविन्द्र जैन भी इस दुनिया में नहीं है, पर शब्द, सुर और गायन के लिए, यह तीनों हमेशा याद किए जाएंगे.

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रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़

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