जम्मू-कश्मीर सरकार को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने याद दिलाया 28 साल पुराना संकल्प, जानें पूरा मामला

जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सरकार को भारत की संसद की ओर से लिए 28 वर्ष पहले संकल्प को याद दिलाया. इस मामले में उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 22, 2022 8:24 PM
an image

Aligarh News: जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक, गैर राजनैतिक संगठनों ने सरकार को भारत की संसद की ओर से लिए 28 वर्ष पहले संकल्प को याद दिलाया. संकल्प स्मरण दिवस पर विदेशी आधिपत्य से भारतीय क्षेत्रों को कब्जा मुक्त कराने के संबंध में भारत के राष्ट्रपति के नाम संकल्प स्मरण पत्र दिया.

28 साल पुराने संकल्प को दिलाया याद

जम्मू -कश्मीर अध्ययन केंद्र की अलीगढ़ शाखा ने राष्ट्रपति के नाम दिए ज्ञापन में याद दिलाया कि 22 फरवरी 1994 को पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हाराव के निर्देशन में सभी दलों के सांसदों की ओर से सर्वसम्मति से एक संकल्प लिया गया था कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मीरपुर मुजफ्फाराबाद 14000 वर्ग किमी, गिलगित बाल्टिस्तान 75000 वर्ग किमी, शक्शमाम घाटी 5600वर्ग किमी, अक्साई चिन 37000 वर्ग किमी के पाकिस्तान और चीन के कब्जे वाले क्षेत्र भारत के अभिन्न अंग थे. इनको पुनः भारत में वापस लाना है.

Also Read: Aligarh News: अलीगढ़ प्रो कबड्डी लीग में लगी बोली, बनीं 8 टीमें, इन खिलाड़ियों का हुआ चयन
इन संगठनों ने किया शांति मार्च

जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के नेतृत्व में राष्ट्रवादी विचार मंच, जाबांज पूर्व सैनिक समिति, उड़ान सोसायटी, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, क्वार्सी व्यापार मंडल रामघाट रोड, भारतीय करनी सेना, अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्नातक संघ, आहुति, मिशन मोदी अगेन पी एम, बजरंग दल, भारतीय जनमानस ट्रस्ट ने पाक-चीन के कब्जाए भाग की वापसी के लिए कलेक्ट्रेट तक शांति मार्च निकाला और एसीएम प्रथम को ज्ञापन सौंपा.

Also Read: Ukraine Russia crisis: यूक्रेन में फंसे अलीगढ़ के 50 स्टूडेंट्स की 26 फरवरी से होगी घर वापसी

रिपोर्ट – चमन शर्मा, अलीगढ़

Exit mobile version