UP News: AMU में कर्मचारी 10 सूत्री मांगों को लेकर कुलपति कार्यालय के सामने धरने पर बैठे
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नॉन टीचिंग स्टाफ और टेक्निकल स्टाफ कर्मचारी अपने 10 सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. दरअसल एएमयू के कर्मचारी पिछले 30 - 35 साल से कम कर रहे हैं लेकिन उन्हें स्थाई नहीं किया गया है.
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नॉन टीचिंग स्टाफ और टेक्निकल स्टाफ कर्मचारी अपने 10 सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. दरअसल एएमयू के कर्मचारी पिछले 30 – 35 साल से कम कर रहे हैं लेकिन उन्हें स्थाई नहीं किया गया है. वही, उनका एक्सटेंशन भी नहीं बढ़ाया गया, बीच में सैलरी रोक दी गई. वहीं, अब भत्ते भी देना बंद कर दिया हैं. इन सभी मांगों को लेकर एएमयू के कर्मचारी अब सड़क पर उतरकर आंदोलन की राह पकड़ ली है. कर्मचारियों ने कहा है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, घर नहीं जाएंगे. एएमयू कर्मचारी कुलपति कार्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. कर्मचारियों ने कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं की गई, तो यूनिवर्सिटी में इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी जाएगी.
धरने पर बैठी साजिया अफरोज ने बताया कि दिसंबर 2022 से एक्सटेंशन रोक दिया गया था. जिसको लेकर आवाज उठाई थी. फिर सैलरी रोक दी गई. तीन महीने तनख्वाह नहीं दी गई. फिर आवाज उठाई गई. यह मुद्दा विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने भी रखा गया. साजिया ने बताया कि पिछले 18 साल से एलडीसी के पद पर काम कर रहे हैं. 35 साल से ज्यादा लोग यहां काम कर रहे हैं, लेकिन उनका स्थाई नहीं किया गया. नॉन टीचिंग के बारे में कभी सोचा नहीं गया. साजिया ने कहा कि क्या कोई संस्थान सिर्फ छात्रों और शिक्षकों से ही चलता है. वहां कर्मचारी भी नियुक्त होते हैं. उन ऑफिस स्टाफ के बारे में एएमयू प्रशासन को सोचना चाहिए. कर्मचारियों को स्थाई नहीं किया गया और भत्ते भी देना बंद कर दिया. साजिया ने एएमयू प्रशासन से मांग की है कि जो भत्ते हैं उनको रिलीज किया जाए.
10 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे
वही, कर्मचारियों को स्थाई करने की फाइल को दबा दिया गया है. साजिया ने कहा कि हमारे 10 सूत्री मांगें जब तक पूरी नहीं होती, धरने से नहीं हटेंगे. कर्मचारियों ने धरने पर बैठने से पहले एएमयू प्रशासन को सूचना दी थी. उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार हर तरीके से कर्मचारियों को मदद दे रही है, लेकिन एएमयू प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है.
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एएमयू प्रशासन ने भत्ते भी रोक दिये हैं
एएमयू टेक्निकल स्टाफ के पूर्व अध्यक्ष फैसल रईस ने बताया कि हमारी 10 मांगे हैं. पिछले 10 महीने से एएमयू प्रशासन को मांग पत्र दे रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई. केंद्र सरकार द्वारा हमें भत्ते दिए जाते हैं. उस पर एएमयू प्रशासन ने रोक लगा रखी है, जबकि सरकार की तरफ से रोकने का कोई निर्देश नहीं है. फैसल रईस ने कहा कि हम बातचीत का रास्ता खोल थे. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के स्थाईकरण की मांग को तत्काल पूरा किया जायें. वही डेली वेजज काम करने वाले कर्मचारियों को एक्सटेंशन दिया जाये. करीब 1400 से ज्यादा कर्मचारी डेली वेजज के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब कर्मचारी सड़क पर आ गया है और जब तक मांगे पूरी नहीं होगी. धरना जारी रहेगा.
शिक्षक एसोसियेशन ने धरने का किया समर्थन
फैसल रईस ने कहा कि अगर एएमयू प्रशासन नहीं जागेगा, तो बड़ा आंदोलन करेंगे. इसके लिए यूनिवर्सिटी की इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर देंगे. धरने को सपोर्ट करने के लिए एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के सचिव उबैद कमाल भी पहुंचे. उबैद कमाल ने कहा कि हम एएमयू कर्मचारियों की मांगों का सपोर्ट करते हैं. उन्होंने बताया कि डेली वेजर की वेतन बढ़ोतरी के साथ कई जायज मांगे कर्मचारियों की हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की हठधर्मिता है कि वह मांगे पूरी करने में देरी कर रहे हैं.