बलिया : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल में हो रही आपराधिक वारदात पर चुप्पी साधने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख के रूप में कभी राजनीतिक पहलू देखकर कोई वक्तव्य नहीं दिया, अगर कोई उनके बयानों में सियासत देखे तो यह उसका नजरिया है. राज्यपाल ने यहां जिले के धरहरा गांव में एक निजी विद्यालय के कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आरोप पर कहा कि वह साढ़े तीन साल से राज्यपाल हैं और इस दौरान उन्होंने कभी राजनीतिक पहलू देखकर कोई वक्तव्य नहीं दिया लेकिन किसी को उनके बयान में सियासत नजर आती है तो यह उसका दृष्टिकोण है.
नाईक ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल होने के कारण वह संवैधानिक दायित्वों से जुड़े हैं. वह राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के झमेले में नहीं पड़ते. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जो घटनाएं होती हैं, वह हमेशा उन पर अपने विचार रखते हैं. उनका काम मार्गदर्शन करने और संतुलन बनाने तक ही सीमित है.
मालूम हो कि हाल में उन्नाव बलात्कार कांड के बाद सपा अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने राज्यपाल पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार के दौरान वह हर घटना पर मुखर रहते थे जबकि योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में हो रही घटनाओं पर खामोश रहते हैं. प्रदेश के सरकारी दस्तावेजों में डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर के नाम में संशोधन को लेकर उठे विवाद पर नाईक ने कहा कि राजनीति में विवाद खड़ा करने में कुछ लोगों को विशेषज्ञता प्राप्त होती है. प्रदेश में आंबेडकर का पूरा नाम सही तरीके से नहीं लिखा जाता था, इसको लेकर उन्होंने सुझाव दिया था, जिसे पिछली सरकार ने नहीं माना, जबकि मौजूदा सरकार ने मान लिया.
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