बलिया (उप्र : उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़े वर्ग के लिये 54 फीसद आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को इसके लिये भी संसद में संशोधन पारित कराना चाहिये.
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने शनिवार को जिले के बेरुआरबारी में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार कुछ सांसदों के दबाव में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधन के लिये संसद में विधेयक प्रस्तुत कर सकती है तो उसे पिछड़े वर्ग के व्यापक हित मे पिछड़े वर्ग के आरक्षण को उसकी आबादी के अनुसार 54 फीसद करने के लिये भी संसद में प्रस्ताव पेश करना चाहिए. राजभर ने पिछड़े वर्ग के सांसदों पर भी निशाना साधा और कहा कि वे राजनेता केवल बड़े नेताओं की परिक्रमा करने में लगे हुए हैं.
उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की और कहा कि संसद में संशोधन पारित होने के पूर्व ही सोशल मीडिया पर जिस तरह विरोध के स्वर मुखरित हो रहे हैं, उन्हें अनसुना नहीं किया जा सकता। जिन्होंने इस अधिनियम की आड़ में नाजायज तरीके से हुआ उत्पीड़न झेला है, वही इसका मर्म समझ सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा की सहयोगी पार्टी होने के कारण पुनर्विचार की अपील करेंगे, उन्होंने कहा कि बहुमत की सरकार है, कुछ भी करें, कौन रोक सकता है। हमारे चाहने से कुछ नहीं होगा.
राजभर ने सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के मामले में सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बचाव करते हुए सवाल किया कि क्या अपने सरकारी आवास में शौचालय बनाने के लिये भी सरकार से अनुमति लेनी होगी. जब बगैर अनुमति के लेकर निर्माण हो रहा था तब अधिकारी कहां थे। हालांकि उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह अखिलेश का समर्थन कतई नहीं कर रहे हैं. मंत्री ने बंगला प्रकरण को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के मनाही के आदेश के बावजूद मध्यप्रदेश में पिछले दिनों तीन पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी आवास कैसे आवंटित कर दिये गये.