नगर के शौचालय दिखा रहे स्वच्छता अभियान को ठेंगा, लोगों की बढ़ गयी परेशानी

बलिया : पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार ने सभी नगर पालिका क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए शौचालय और मूत्रालय का निर्माण तो करा दिया. लेकिन नगर के प्रमुख स्थानों पर स्वच्छता के लिए बनाये गये इन शौचालयों की दशा देखने लायक है. कई स्थानों पर शौचालयों के मुख्य गेट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2019 7:41 AM

बलिया : पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार ने सभी नगर पालिका क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए शौचालय और मूत्रालय का निर्माण तो करा दिया. लेकिन नगर के प्रमुख स्थानों पर स्वच्छता के लिए बनाये गये इन शौचालयों की दशा देखने लायक है. कई स्थानों पर शौचालयों के मुख्य गेट पर ही ताले लटक रहे हैं.

वहीं कुछ स्थानों पर लोकार्पण का बोर्ड तो लगा दिया गया है, लेकिन उनके व्यवस्थित खुलने की व्यवस्था आज तक नहीं किए जाने से गंदगी और बढ़ गई है. जो नगरपालिका के स्वच्छ बलिया तथा सुंदर बलिया को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है. इस मुद्दे पर लोगों से बात की गई तो उनका मानना था कि नगरपालिका ने नगर के महुआ मोड़ तथा रजिस्ट्री ऑफिस में शौचालय और मूत्रालय तो बना दिए लेकिन अभी भी इन्हें सुव्यवस्थित रूप से चालू नहीं कराया गया है.
कई स्थानों पर शौचालयों के मुख्य गेट पर ही लटके ताले
नगर पालिका की ओर से पब्लिक पार्टनरशिप पीपीपी पद्धति वाले आठ सीटेड एसी शौचालय तो बना दिए गए, लेकिन इन पर हमेशा ताला लटका रहता है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
उदय शंकर चौबे, चेरुइयां
नगर पालिका परिषद द्वारा बनाए गए अधिकांश शौचालयों की स्थिति ठीक नहीं है कई स्थानों पर अभी भी शौचालय चालू नहीं है. जबकि लोकार्पण का बोर्ड लग चुका है या नगरपालिका का स्वच्छता के प्रति उदासीनता भरा रवैया है.
वशिष्ठ नारायण चौधरी, चेरुइयां
पब्लिक पार्टनरशिप के आधार पर बने एसी शौचालयों की याद आता है तो अन्य शौचालयों को किस आधार पर चलाया जाएगा यह समझ से परे है.
राजेश यादव गुड्डू, पूर्व प्रधान
मिट्टी के महुआ मोड़ पर सात आठ माह पहले दो शौचालय बनाए गए थे. जिसमें एक सार्वजनिक शौचालय और दूसरा सार्वजनिक पिंक शौचालय बनाया गया था.
लेकिन लोकार्पण आज तक नहीं किया गया. हालांकि लोकार्पण का बोर्ड तो लगा दिया गया है. जिसमें नगर पालिका की ओर से संचालन की व्यवस्था ना होने से स्वच्छता अभियान के उद्देश्यों को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं. जिस स्वच्छता के लिए शौचालय बने थे आज वही मकसद पूरा नहीं हो रहा है.
अभिषेक कुमार गुप्ता, हरपुर

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