बलिया : आरटीआई (जन सूचना अधिकारी अधिनियम) को लेकर जनपद के आलाधिकारीगण इस कदर उदासीन है कि अपने कार्यालय परिसर में बोर्ड तक लगाना जरूरी नहीं समझते हैं या फिर सूचना देने के डर से बोर्ड ही हटा दिये हैं.
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कार्यालय से हटा लिये गये बोर्ड
बलिया : आरटीआई (जन सूचना अधिकारी अधिनियम) को लेकर जनपद के आलाधिकारीगण इस कदर उदासीन है कि अपने कार्यालय परिसर में बोर्ड तक लगाना जरूरी नहीं समझते हैं या फिर सूचना देने के डर से बोर्ड ही हटा दिये हैं. ताकि कोई सूचना न मांग सकें. कुछ भी हो, फिहाल जनपद के बाढ़ खंड का […]
ताकि कोई सूचना न मांग सकें. कुछ भी हो, फिहाल जनपद के बाढ़ खंड का हाल कुaछ ऐसा ही है, जहां पूरे परिसर में कहीं भी जनसूचना अधिकारी का बोर्ड नहीं लगा है, जबकि सूत्र की मानें तो छह सात महीने पहले तक बोर्ड लगा था. ऐसे में किन कारणों से बोर्ड हटा दिया गया है, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है.
हालांकि अधिशासी अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि उनके यहां सहायक इंजीनीयर गौतम जन सूचना अधिकारी है. जिनसे सूचना प्राप्त की जा सकती है. बोर्ड के बारे में एक्सईएन ने अनभिज्ञता जाहिर की. जबकि सूचना मांगने वाले आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बाढ़ खंड भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हैं, इसलिए सूचना देने के डर से बोर्ड हटा लिये हैं.
जिलाधिकारी से शिकायत का भी कोई असर नहीं
सिविल कोर्ट के अधिवक्ता जेपी मौर्य बीते दिसंबर माह में दूबे छपरा रिंग बंधे से संबंधित सूचना के लिये जब आरटीआइ डालने बाढ़ खंड पहुंचे तो उन्हें पूरे परिसर में कहीं भी जनसूचना अधिकारी का बोर्ड नहीं दिखा. इस पर वहां बैठे बाबू से जब उन्होंने जनसूचना अधिकारी के बारे में पूछा तो उनको सूचना देने से साफ इन्कार कर दिया गया.
इस पर उन्होंने अधिशासी अभियंता वीरेंद्र सिंह से जानकारी लेने की कोशिश की तो उनके द्वारा सूचना देने से साफ इंकार कर दिया गया, इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी से मिला, जहां से उनको आश्वासन जरूर मिला, लेकिन सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई.
बोर्ड के बारे में हमें कुछ जानकारी नहीं है, हमारे यहां सहायक अभियंता गौतम सूचना अधिकारी है, उनसे सूचना प्राप्त की जा सकती है.
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