वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार
बलिया : बार काउंसिल उप्र के प्रस्ताव के समर्थन में अधिवक्ता सुरक्षा सहित विभिन्न मांगों को को लेकर क्रिमिनल एवं सिविल बार के वकीलों ने गुरुवार को स्व़ चंद्रभान सिंह सभागार में बैठक किया. बैठक में मांग किया कि प्रदेश सरकार वकीलों को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाकर सुरिक्षत करे. बार काउंसिल के प्रस्तावों की अनदेखी […]
बलिया : बार काउंसिल उप्र के प्रस्ताव के समर्थन में अधिवक्ता सुरक्षा सहित विभिन्न मांगों को को लेकर क्रिमिनल एवं सिविल बार के वकीलों ने गुरुवार को स्व़ चंद्रभान सिंह सभागार में बैठक किया. बैठक में मांग किया कि प्रदेश सरकार वकीलों को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाकर सुरिक्षत करे. बार काउंसिल के प्रस्तावों की अनदेखी करने के खिलाफ वकीलों ने सिविल कोर्ट परिसर में नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन भी किया.
चेताया कि हम लोगों के सुरक्षा के लिए आवश्यक कानून सरकार बनाए अन्यथा की दशा में हम सरकार हर स्तर पर विरोध करेंगे. बार काउंसिल के निर्देश पर जिले के वकीलों ने पूरे दिन न्यायिक कार्य का बहिष्कार करते हुए सरकार सरकार से मांगे जल्द पूरा कराने को कहा. कहा कि इस मुद्दे पर कई बार उप्र बार काउंसिल ने शासन को पत्र लिखा था. लेकिन शासन ने कोई ध्यान नहीं दिया.
इस मौके पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए क्रिमिनल बार के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ मिश्र ने कहा कि वर्तमान परिवेश में दूसरों के लिए कानून की लड़ाई लड़ने वाला अधिवक्ता सुरिक्षत नहीं रह गया है.
अब तक अधिवक्ता पर हमला बोलने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने में वकीलों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाकर ही वकीलों को पूरी से सुरक्षित किया जा सकता है. बिना कानून बनाए वकीलों पर जानलेवा हमला बोलने वालों के भीतर भय नहीं रहेगा.
इस मौके पर सिविल बार के अध्यक्ष अवधेश कुमार राय ने कहा कि बार काउंसिल ने यह मांग किया है कि हत्या में मारे गए अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी तथा इलाहाबाद के अधिवक्ता सनाउल्लाह खां हत्या करने वाले मुल्जिमानों की यथाशीघ्र गिरफ्तारी की जाय, उनके आश्रितों को करीब 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाय. 70 साल तक की मृत्यु पर पांच लाख रुपये अधिवक्ता परिवार को देने के लिए 500 करोड़ कार्पस फंड में तुरंत जारी किया जाय.
इसी प्रकरण को लेकर वकीलों ने न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पारित प्रस्ताव की प्रतिलिपि जिला जज को प्रेषित किया गया. इस मौके पर अधिवक्ता जेपी सिंह, ओमप्रकाश चौबे, अविरल ओझा, मनोज राय हंस, सुनील कुमार श्रीवास्तव, अरविंद कुमार सिंह आदि मौजूद रहे.