कचरे के ढेर और सुअरों की फौज के आगे ‘स्वच्छता हीरो’ बनने का सपना कैसे हो पूरा
बलिया में शहर को ‘स्वच्छता हीरो’ बनाने के सपने पर सुअरों की फौज दौड़ रही है. नगर पालिका ने एक तरफ शहर में खंभों व दीवारों पर शहर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए लोगों को जागरूक करने वाले बैनर और पोस्टर टांगे हैं, तो दूसरी तरफ धरातल कुछ भी नहीं दिख रहा. कई प्रमुख […]
बलिया में शहर को ‘स्वच्छता हीरो’ बनाने के सपने पर सुअरों की फौज दौड़ रही है. नगर पालिका ने एक तरफ शहर में खंभों व दीवारों पर शहर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए लोगों को जागरूक करने वाले बैनर और पोस्टर टांगे हैं, तो दूसरी तरफ धरातल कुछ भी नहीं दिख रहा.
कई प्रमुख जगहों पर भी दोपहर तक कचरा पड़ा रहता है. वहीं, सोमवार की दोपहर में चौक-स्टेशन रोड पर सुअर घूम रहे थे. दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देश पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 चल रहा है.
चार जनवरी से यह शुरू है और 31 जनवरी तक चलना है. इसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छता में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के साथ ही शहर को कचरामुक्त करना, खुले में शौचमुक्त करना है. अलग-अलग माध्यमों से मूल्यांकन के बाद शहरों की स्वच्छता के मामले में रेटिंग की जायेगी. 4000 अंक निर्धारित किया गया है. नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगम में ये सर्वेक्षण कराया जा रहा है.
चौक स्टेशन रोड
शहर की हृदय स्थली चौक शहीद पार्क से रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर दोपहर में भीड़-भाड़ के बीच सुअरों की फौज पहुंच गयी, जिससे कुछ देर के लिए भगदड़ की स्थिति बन गयी. कुछ देर बार बीच सड़क पर ही सुअर आराम फरमाने लगे. दरअसल, सोमवार और लग्न का दिन होने के कारण शहर में काफी भीड़ थी. ऐसे में सुअरों के चलते लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ा
टाउन हाल रोड
शहर के बीच में स्थित टाउन हाल को क्रांति मैदान भी कहते हैं, क्योंकि इस स्थल का ऐतिहासिक महत्व है. शहरी क्षेत्र में सफाई के दावों को टाउन हाल के मुख्य गेट के पास इकठ्ठा कचरा ही मुंह चिढ़ा रहा है. दोपहर तक नगर पालिका के कर्मचारी कचरा साफ भी कर दें, तो शाम को दुबारा वही स्थिति हो जाती है. बगल के गुजरने पर भी दुर्गंध आती है, जिससे लोगों को नाक पर रूमाल रखकर जाना मजबूरी है.
रामलीला मैदान रोड
शहर के कुछ खास इलाकों में रामलीला मैदान क्षेत्र भी है. रामलीला मैदान के मुख्य गेट के सामने ही आस-पास के लोगों ने अघोषित कूड़ा डंपिंग प्वाइंट बना रखा है, जहां दिनभर कचरा जमा रहता है. मुख्य सड़क के सटे होने के कारण लोगों को वहां से गुजरने में भी दिक्कत होती है. खास यह कि रोजाना दोपहर बाद सब्जी मंडी सजती हैं, जिससे शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की भीड़ रात तक रहती है.
अस्पताल और होटलों के पास दिनभर रहती है गंदगी
शहर में अस्पताल और कई होटलों के पास दिनभर गंदगी जमा रहती है. जिला अस्पताल व महिला अस्पताल में भी साफ-सफाई को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं है.
कैंपस में ही कूड़ेदान बना दिया गया है. नये भवन के पीछे गंदगी के कारण दुर्गंध भी उठती है. वहीं पुराने भवन और महिला अस्पताल परिसर में भी यही हाल है. इसी तरह शहर के कई होटलों के पास गंदगी का अंबार लगा रहता है. विशुनीपुर में स्थित कई गलियों में खुली नालियां बजबजा रही है.
नगर पालिका की ओर से स्वच्छता को लेकर जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगे हैं, लेकिन शहरवासियों की आदत में बदलाव नहीं हो रहा. स्थिति यह है कि किसी जगह से दोपहर तक सफाईकर्मी कचरा उठाते हैं, तो कुछ देर बाद ही वहां दुबारा कचरा जमा होने लगता है. कई जगह कचरे का डिब्बा होने के बाद भी लोग सड़क पर ही कचरा फेंककर निकल जाते हैं.
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020: एक नजर में
स्वच्छता सर्वेक्षण चार से 31 जनवरी 2020 तक आयोजित किया गया है
गलत सूचना देने पर अंक में कटौती भी होगी
सर्वेक्षण में स्वच्छता गतिविधियां अप्रैल से दिसंबर 2019 तक मूल्यांकित की गयी
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 कुल 4000 अंकों का होगा
31 जनवरी तक चलना है स्वच्छता सर्वेक्षण 2020
नगर पालिका शहर में पोस्टर लगा कर रही जागरूक
शहर को स्वच्छ-सुंदर बनाने को धरातल पर कुछ नहीं