कमीशन के चक्कर में सीएमओ आॅफिस में फंसी कई फाइलें

बलिया : मौजूदा समय में जनपद में संचालित 34 रजिस्टर्ड अल्ट्रासाउंड केंद्र व 55 पैथाेलोजी सेंटर का संचालन अवैध से हो रहा है. इन केंद्रों का रजिस्ट्रेशन तिथि फेल होने के बाद अभी तक नवीनीकरण नहीं हो पाया है. जबकि अल्ट्रासाउंड व पैथाेलोजी केंद्र संचालकों की मानें तो चार साल पहले नवीनीकरण के लिये अप्लाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2020 6:16 AM

बलिया : मौजूदा समय में जनपद में संचालित 34 रजिस्टर्ड अल्ट्रासाउंड केंद्र व 55 पैथाेलोजी सेंटर का संचालन अवैध से हो रहा है. इन केंद्रों का रजिस्ट्रेशन तिथि फेल होने के बाद अभी तक नवीनीकरण नहीं हो पाया है. जबकि अल्ट्रासाउंड व पैथाेलोजी केंद्र संचालकों की मानें तो चार साल पहले नवीनीकरण के लिये अप्लाई कर चुके हैं.

सूत्र की मानें तो नवीनीकरण के नाम पर सीएमओ आॅफिस में तैनात बाबू संचालकों से नवीनीकरण के नाम पर मोटी रकम मांग रहे हैं जो संचालक देने से इन्कार कर रहे हैं और इसी चक्कर में फाइल सीएमओ के टेबल तक पहुंच नहीं पा रहा है. नाम न छापने की शर्त पर संचालकों का कहना है कि बाबुओं को शह खुद सीएमओ दे रहे हैं.
मानक पूरा नहीं तो सीएमओ क्यों नहीं लगा रहे ताला : नवीनीकरण के विषय पर बलिया सीएमओ प्रीतम कुमार मिश्र ने बताया कि अल्ट्रसाउंड केंद्र व पैथाेलाेजी सेंटर मानक पूरा नहीं कर पा रहा है, ऐसे में नवीनीकरण में दिक्कतें आ रही है. अब सवाल यह है कि जब मानक पूरा नहीं कर पा रहा है तो उस केंद्र पर ताला क्यों नहीं लटकाया जा रहा है, इस विषय पर सीएमओ भी चुप्पी साध लिये.
जनपद में 34 अल्ट्रासाउंड व 55 पैथाेलाेजी सेंटर रजिस्टर्ड के बावजूद चार साल से अवैध, एक भी कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं
इलाज के अभाव में हो चुकी है मौत
रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण से इतर वास्तविकता में जनपद में 50 अल्ट्रसाउंड व 112 पैथाेलाेजी सेंटर पूरी तरह से अवैध है. इन केंद्रों पर न तो कोई एमडी है और न ही कोई डीएमआर. इन केंद्रों पर हर काम कंप्यूटर ऑपरेटर ही कर रहा है. बीते दिनों ऐसे कई मामले आये है जब अल्ट्रसाउंड व पैथाेलाेजी केंद्रों की रिपोर्टों में भिन्नता पाई गयी और जिसकी वजह बहुत से मरीजों की सही समय पर इलाज के अभाव में मौत भी हो गयी. इन अवैध केंद्रों पर जनपद के स्वास्थ्य महकमे की नजरें कभी इनायत नहीं होती है.

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