नेशनल हाइवे पर फंसी मोदी और राज्य की योगी सरकार की साख

धनंजय पांडेय, बलिया : नेशनल हाइवे 31 (बलिया-बैरिया मार्ग) पर केंद्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार की साख फंस गयी है. एक ओर 27 जनवरी से यूपी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गंगा यात्रा’ की शुरुआत होनी है, जो गंगापुर घाट से सड़क मार्ग से ही कानपुर के लिए रवाना होगी, तो दूसरी ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2020 6:19 AM

धनंजय पांडेय, बलिया : नेशनल हाइवे 31 (बलिया-बैरिया मार्ग) पर केंद्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार की साख फंस गयी है. एक ओर 27 जनवरी से यूपी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गंगा यात्रा’ की शुरुआत होनी है, जो गंगापुर घाट से सड़क मार्ग से ही कानपुर के लिए रवाना होगी, तो दूसरी ओर एनएचआइ ने मरम्मत के नाम पर टेंडर की बात कहकर हाथ खड़े कर दिये हैं.

जिला प्रशासन के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी गंगा घाट से सटे आस-पास के गांवों और एनएच की पटरी का लुक बदलने में लगे हैं, लेकिन मुख्य सड़क की बात आते ही अपनी लाचारी बताने लगते हैं.
सबका कहना है कि एनएचआइ केंद्र सरकार की संस्था है, जो जिला प्रशासन या स्थानीय अधिकारियों की बात नहीं सुनती. दूसरी, तरफ राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन सहित सभी विभाग दिन-रात तैयारी में जुटे हैं.
यहां तक की सैकड़ों सफाईकर्मियों को एनएच किनारे पटरी और बंधे की सफाई के लिए लगाया गया है. गोपालपुर गंगाघाट से 27 जनवरी को गंगा यात्रा निकलेगी. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल गंगा यात्रा की शुरुआत करने गोपालपुर घाट पर आ रही है. गोपालपुर से सात किलोमीटर नदी मार्ग से चलकर गंगापुर घाट से यह यात्रा बलिया-बैरिया मार्ग पर आ जायेगी.
लेकिन, गंगापुर से शुक्लछपरा तक दर्जनों बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं, जिससे पैदल गुजरना भी मुश्किल है. वहीं, इसके आगे भी सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. यहां तक कि शहर में भी कुछ जगहों पर पर गड्ढा बन चुका है.
राज्य सरकार के निर्देश पर तैयारी में जुटा प्रशासन, 27 को निकलेगी यात्रा
केंद्र सरकार के अधीन एनएच पर बने गड्ढों ने बढ़ा दी अफसरों की मुसीबत
विधायक बोले, मरम्मत कराने में खुद को अक्षम पाया
गंगा यात्रा की तैयारियों में जुटे बैरिया विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि एनएच की मरम्मत कराने में वे खुद को अक्षम पा रहे हैं. इसके लिए वे दूसरे को कुछ नहीं कहेंगे. अपना गलती मान रहे हैं. अभी कुछ नहीं करेंगे, क्योंकि यज्ञ का समय आ गया है. भ्रष्ट अफसर और ठेकेदार सब पैसा खा गये हैं. वे इसकी जांच करायेंगे. दोषियों को दंडित करायेंगे.
विधायक ने कहा कि मार्च तक यदि सड़क का निर्माण नहीं हुआ, तो प्रायश्चित करने के लिए इस बार होली भी नहीं मनायेंगा. उससे पहले 101 घंटे का उपवास भी करेंगे. सड़क के कारण द्वाबा की जनता को पांच साल तक जो कष्ट हुआ है, उसका प्रयाश्चित करेंगे.
खबर छपने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की बढ़ी बेचैनी
‘प्रभात खबर’ ने 22 जनवरी के अंक में ‘हाइवे पर हिचकोले खाते निकलेगी गंगा यात्रा’ शीर्षक से पड़ताल छापी, तो प्रशासनिक महकमे की बेचैनी बढ़ गयी.
स्थिति यह रही कि बुधवार को कमिश्नर कनक त्रिपाठी की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम श्रीहरि प्रताप शाही ने सड़क की दुर्दशा का मुद्दा रखा. कहा कि जहां से गंगा यात्रा निकलनी है, वहां से एनएच की सड़क क्षतिग्रस्त है. राज्य की होती तो मरम्मत करा देते, लेकिन मामला एनएच का है. इस पर कमिश्नर ने अपने स्तर से आजमगढ़ इकाई को निर्देशित करने की बात कही.
बता दें कि कई दिनों से गंगा यात्रा की तैयारी चल रही है. स्थलीय निरीक्षण के लिए कमिश्नर के अलावा प्रभारी मंत्री अनिल राजभर भी इन्हीं टूटी सड़कों से दुबेछपरा तक जा चुके हैं. जिला स्तरीय अधिकारी भी जाते रहे हैं. लेकिन, सड़क पर बने गड्ढों पर किसी की नजर नहीं पड़ी थी.
एनएचआइ के अफसर बोले, गड्ढा भरवाने का कर रहे प्रयास
एनएचआइ आजमगढ़ इकाइ के टेक्निकल मैनेजर वाइटी सिंह का कहना है कि सड़क की मरम्मत के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. प्रक्रिया पूरी होते ही काम शुरू करा दिया जायेगा. अभी गंगा यात्रा में कम समय रह गया है.
ऐसे में बिना टेंडर सेंक्शन हुए काम कराना मुश्किल होगा. एनएचआइ के जो मोबाइल कांट्रैक्टर है, उनसे बात हो रही है. कोशिश है कि 27 जनवरी से पहले एनएच पर जो बड़े गड्ढे हैं, उन्हें भर दिया जाये. कहा कि यदि तीन-चार दिन में काम हो जायेगा, तो ठीक है.

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