16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आर्थिक तंगी से जूझ रहे बलिया के युवक ने मध्य प्रदेश में लगायी फांसी

बलिया : बलिया के रहने वाले युवक ने आर्थिक तंगी के चलते मध्य प्रदेश में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वह उमरिया जिले के चंदिया तहसील में स्थित चंदिया कॉलेज में स्पोर्ट्स टीचर के पद पर तैनात थे. छह महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो गयी, जिसके कारण किराये के […]

बलिया : बलिया के रहने वाले युवक ने आर्थिक तंगी के चलते मध्य प्रदेश में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वह उमरिया जिले के चंदिया तहसील में स्थित चंदिया कॉलेज में स्पोर्ट्स टीचर के पद पर तैनात थे. छह महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो गयी, जिसके कारण किराये के घर में सोमवार की रात फांसी लगा ली.

मृतक संजय कुमार की पत्नी लालसा देवी के पास पति के शव को अपने गृह जिला बलिया तक लाने के लिए किराये के पैसे नहीं थे. साथी अतिथि शिक्षकों व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से संजय कुमार का शव वहां से बलिया भेजा गया है.
पत्नी लालसा देवी ने बताया कि पति ने भोपाल में आंदोलन किया, फिर लौट आये थे.
उन्हें छह महीने से सैलरी नहीं मिल रही थी. कहते थे अब मेरे बच्चों के भविष्य का क्या होगा? सरकार ने हमारे पेट में लात मार दी. हमें कहीं का नहीं छोड़ा. धरने पर जा रहे हैं, तो सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर रही थी. बहुत परेशान थे. इधर- उधर से मांगकर हम अपना खर्चा चला रहे थे. रूम का किराया नहीं दे पाये, बच्चा 10वीं में पढ़ता है, उसकी फीस नहीं भर पाये हैं.
मंत्री के पास लेकर जायेगी पति की मिट्टी
संजय की पत्नी लालसा ने कहा- अब मेरे सामने कोई रास्ता नहीं है. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी आएं या फिर मैं मंत्रीजी के पास पति की मिट्टी लेकर जाऊंगी. मेरी तो जिंदगी ही खत्म हो गयी है. मैं क्या करूं? कहां जाऊं. अगर मंत्री जी मेरे लिए कुछ नहीं कर सकते तो मैं भी आत्महत्या कर लूंगी. मंत्री जी तभी खुश होंगे.
मध्य प्रदेश सरकार पर चौतरफा हमला
संजय की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट करके कहा है कि संजय जैसी परिस्थितियों से आज हजारों अतिथि विद्वान गुजर रहे है.
क्या एक साल में आपकी यही उपलब्धि है. अतिथि विद्वान अवसाद और चिंता में आत्महत्या कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जी, आप कितनी और मौत होने का इंतजार कर रहे हैं. क्या सरकार के लिए इनकी जान की कोई कीमत नहीं है? मोर्चा के संयोजक देवराज सिंह ने कहा है कि नियमितीकरण की बाट जोहते और लगातार आर्थिक तंगी झेल रहे हमारा एक साथी आज अपने जीवन कि लड़ाई हार गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें