जाम लगने से रेंगते रहे वाहन, थमी रफ्तार
बलिया : शहर के लिए जाम की समस्या नासूर बनती जा रही है. सोमवार की दोपहर में घंटों शहर के इकलौते ओवरब्रिज पर भी वाहनों की चाल ठिठकी रही. ओवरब्रिज के दोनों तरफ दोनों तरफ वाहन फंसे रहे, जिसके कारण देर तक यातायात व्यवस्था ठप हो गयी. इसके साथ ही शहर की प्रमुख सड़कें भी […]
बलिया : शहर के लिए जाम की समस्या नासूर बनती जा रही है. सोमवार की दोपहर में घंटों शहर के इकलौते ओवरब्रिज पर भी वाहनों की चाल ठिठकी रही. ओवरब्रिज के दोनों तरफ दोनों तरफ वाहन फंसे रहे, जिसके कारण देर तक यातायात व्यवस्था ठप हो गयी. इसके साथ ही शहर की प्रमुख सड़कें भी घंटों जाम की चपेट में रहीं. बड़ी गाड़ियों के बीच से किसी तरह बाइक सवार आगे निकलने की कोशिश करते रहे, जिससे समस्या और बढ़ जाती थी.
मौसम साफ होने के साथ ही लग्न के कारण भी शहर में भीड़ बढ़ गयी है. इसके चलते शहर का ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह बेपटरी हो गया है. प्रशासन की उदासीनता के कारण भी समस्या लाइलाज बनती जा रही है. सोमवार को सुबह करीब 11 बजे के बाद ही शहर की सड़कों पर भीड़ दिखने लगी थी.
शहर से होकर गुजरने वाले एनएच-31 (गाजीपुर-हाजीपुर मार्ग) पर स्थानीय वाहनों के साथ ही लंबी दूरी की गाड़ियों का भी बोझ था. इस समस्या को सड़क किनारे हुए अतिक्रमण और बढ़ा रहे हैं. कदम चौराहा से माल्देपुर तक एनएच के दोनों तरफ पटरी पर दुकानदारों का ही अधिकतर कब्जा है. या फिर बाइक या कार खड़ी रहती है. ऐसे में वाहनों की रफ्तार पर भी अतिक्रमण ब्रेक लगा देते हैं.
रेलवे क्रॉसिंग पार करना सबसे बड़ी चुनौती
शहर में भीड़ बढ़ने के बाद रेलवे क्रॉसिंग पार करना सबसे बड़ी चुनौती होती है. दरअसल, शहर में तीन रास्ते हैं. एक चित्तू पांडेय चौराहे से और दूसरा एससी कॉलेज चौराहे से. तीसरा रास्ता ओवरब्रिज होकर जाता है. दोनों क्रॉसिंग अक्सर बंद रहता है, जिसके कारण बड़ी गाड़ियों को परेशानी होती है. इससे बचने के लिए जब दोपहर में लोग ओवरब्रिज की ओर भागते हैं, तो अस्पताल रोड पर जाम लग जाता है. दोपहर में तमाम स्कूलों के वाहन भी जाम में फंसे हुए थे.
रात में बरात बढ़ा रही शहरियों की परेशानी
एनएच पर कदम चौराहे के पास मैरेज हाल होने के कारण रात में भी परेशानी हो रही है. अक्सर मैरेज हाल तिलक या शादी के लिए बुक रहते हैं. सड़क तक टेंट लगा रहता है. वहीं जब बारात जाती है, तो पूरी सड़क जाम हो जाती है. जिस दिन लग्न ज्यादा होता है, रात नौ बजे तक शहर में निकलना भी मुश्किल हो जाता है. हालांकि जब ट्रैफिक कम होता है, तब तक नो इंट्री खत्म होने के कारण भारी वाहनों का प्रवेश शुरू हो जाता है.