नरेंद्र निकेतन ध्वस्त कराने में एक करीबी का ही हाथ
बलिया : विकासखंड बेरूआरबारी के पूर्व प्रमुख अनिल सिंह ने कहा कि नरेंद्र निकेतन को आनन-फानन में ध्वस्त कराने के पीछे पूर्व प्रधानमंत्री के एक करीबी का ही हाथ है. कहा वह भवन जिसे देश के महत्वपूर्ण लोगो ने सींचा था, जहां से देश में एक समय लोकतंत्र की धारा बही थी क्या उसका कोई […]
बलिया : विकासखंड बेरूआरबारी के पूर्व प्रमुख अनिल सिंह ने कहा कि नरेंद्र निकेतन को आनन-फानन में ध्वस्त कराने के पीछे पूर्व प्रधानमंत्री के एक करीबी का ही हाथ है. कहा वह भवन जिसे देश के महत्वपूर्ण लोगो ने सींचा था, जहां से देश में एक समय लोकतंत्र की धारा बही थी क्या उसका कोई ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व नहीं था.
क्या सरकार उसका संरक्षण नहीं कर सकती थी. उसको तोड़ने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गयी कि पार्टी पदाधिकारियों को चंद्रशेखर जी से संबंधित साहित्य उठाने का भी समय नहीं दिया गया. इस पूरे मामले में चंद्रशेखर जी के भूतपूर्व करीबी का नाम प्रमुखता से आ रहा है. जो कि अकारण नहीं है.
जिनकी राजनीतिक सामाजिक स्थिति चंद्रशेखर के वजह से स्थापित हुई वही लोग चंद्रशेखर की अस्वस्थता और निकटस्था, घनिष्ठता का जिस निर्लज्जता पूर्वक विगत वर्षों में राजनैतिक दुरुपयोग किया. वह अत्यंत निंदनीय है. देश व बलिया के चंद्रशेखर प्रेमियों में उनके खिलाफ रोष व्याप्त है.
नरेंद्र निकेतन में चंद्रशेखर जी के कभी करीबी रहे की भूमिका अति संदिग्ध है. उन्होंने अपने निजी खुन्नस और अहंकार के वशीभूत हो जननायक की चंद्रशेखर के सपनों के महल को गिराने से भी गुरेज नहीं किया.
कहा कि चंद्रशेखर के आदर्शों और नीतियों से कितनी दूर जा चुके है साथ ही वहां से उनका वापिस लौटना भी नामुमकिन है. यदि चंद्रशेखर के आदर्शों को सुरक्षित रखना है तो इस व्यक्ति को उन तमाम संस्थाओं, प्रतिष्ठानों से दूर किया जाएं जिनमें चंद्रशेखर जी का नाम या आदर्श, मूल्य जुड़े हों.