गंगा की ड्रेजिंग को बनेगी नयी प्रोजेक्ट, ग्रामीण सहमे

रामगढ़ : जीएफसीसी पटना की टीम द्वारा दुबे छपरा रिंग बांध के निरीक्षण के बाद नदी ड्रेजिंग के लिए फिर से प्रोजेक्ट बनाने का दिशा-निर्देश गंगा के मुहाने बसे गांव के लोगों को पच नहीं रहा है. उनका कहना है कि विभागीय उदासीनता के कारण ग्राम सभा गोपालपुर का अस्तित्व इस बार गंगा की लहरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2020 3:00 AM

रामगढ़ : जीएफसीसी पटना की टीम द्वारा दुबे छपरा रिंग बांध के निरीक्षण के बाद नदी ड्रेजिंग के लिए फिर से प्रोजेक्ट बनाने का दिशा-निर्देश गंगा के मुहाने बसे गांव के लोगों को पच नहीं रहा है. उनका कहना है कि विभागीय उदासीनता के कारण ग्राम सभा गोपालपुर का अस्तित्व इस बार गंगा की लहरों में मिट सकता है. अब तीन महीने बचे हैं. इस दौरान न तो प्रोजेक्ट स्वीकृत हो सकेगा, न ही काम. ऐसे में जब गंगा की लहरें तबाही मचायेंगी, तो गांवों को बचा पाना मुश्किल होगा.

अधिकारियों की लचर कार्यशैली से ग्रामीणों में नाराजगी
अधिकारियों की लचर कार्यशैली से ग्रामीणों में नाराजगी है. गंगा के मुहाने पर बसे गोपालपुर, उदई छपरा, दुबे छपरा के लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि बैराज खंड वाराणसी द्वारा नदी की धारा को मोड़ने का प्रस्ताव पास हो गया है.
इसके लिए 30 करोड़ मिलने वाले थे. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह परियोजना खटाई में पड़ती दिख रही है. लोगों का कहना है कि केवल तीन महीने में कौन सा प्रस्ताव बनाकर जायेगा. कब पास होगा और कब काम शुरू होगा ? तब तक तो गंगा की लहरें ग्राम सभा गोपालपुर के साथ ही ग्राम सभा केहरपुर व सोनार टोला काअस्तित्व मिटा चुकी होगी.
जब बाढ़ विभाग ₹39 करोड़ रुपए का बंधा बनाकर गांव को सुरक्षित नहीं कर पाया, तो 9 करोड़ रुपये से कैसे गांव को बचाया जा सकता है. इससे साफ जाहिर होता है कि बाढ़ विभाग की नीयत में खोट है. वह चाहता है कि जमकर धन का बंदरबांट किया जाये. अगर विभाग को काम कराना ही है तो स्थाई काम करायें.-अमित कुमार दुबे, दुबेछपरा
मुख्यमंत्री के बयान से तो हम लोगों को खुशी हुई कि अब हमारे गांव को बाढ़ कटान से निजात मिल जायेगा. लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली से उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. अगर जिला प्रशासन व बाढ़ विभाग इसी तरह मूकदर्शक बना रहा तो एनएच भी खतरे में पड़ जायेगी.
-दीनानाथ तिवारी, गोपालपुर
अब तो ऐसा लगा था कि घरों पर हथौड़ा चलाना ही पड़ेगा क्योंकि बाढ़ विभाग को जिस महीने में बाढ़ निरोधक कार्य शुरू करना चाहिये, उस समय अभी प्रस्ताव व प्रोजेक्ट बनाने के फिराक में है. अगर दुबे छपरा रिंग बंधे का पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो अब सड़क पर उतरना पड़ेगा.
-काशीनाथ सिंह, उदईछपरा
बरसों कड़ी मेहनत कर आदमी अपना घर-मकान बनाता है और गंगा की लहरों में आंखों के सामने गिरते देख कर कलेजा निकल जाता है. शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों को अपनी किस्मत पर भी रोना आता है. अधिकारी और नेता केवल आश्वासन देकर लौट जाते हैं.
-नीलू तिवारी, गोपालपुर

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