अलीगढ़ में प्रशासन को 37 जमाती और मिले, दो जमाती श्रीलंका के
अलीगढ़. दिल्ली से आये जमातियों की तलाश में प्रशासन ने मदरसों व मस्जिदों में छापेमारी की. तीन स्थानों पर 37 जमाती मिले. सबसे अधिक 13 जमाती ऊपरकोट पर रंगरेजा मस्जिद में मिले, इनमें दो श्रीलंका के हैैं. सभी को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया है. मस्जिदों के बाहर पुलिस निगरानी बढ़ा दी गयी […]
अलीगढ़. दिल्ली से आये जमातियों की तलाश में प्रशासन ने मदरसों व मस्जिदों में छापेमारी की. तीन स्थानों पर 37 जमाती मिले. सबसे अधिक 13 जमाती ऊपरकोट पर रंगरेजा मस्जिद में मिले, इनमें दो श्रीलंका के हैैं. सभी को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया है. मस्जिदों के बाहर पुलिस निगरानी बढ़ा दी गयी है. जमातियों के संपर्क में आने वाले लोगों को भी क्वारेंटाइन किया गया है. प्रशासन की कार्रवाई अभी जारी है. दिल्ली से एक महीने पहले आये 13 जमाती शहर के ऊपरकोट पर रंगरेजा मस्जिद में ठहरे थे. इसमें दो श्रीलंका के थे. प्रशासन को जानकारी हुई तो टीम पहुंच गयी. सबकी सेहत जांची. इनमें शाहबुद्दीन खां निवासी मध्यप्रदेश, सुहेल निवासी सहारनुपर, मोहम्मद मुस्तफा निवासी तमिलनाडु, आफताब, अलीशान निवासीगण सहारनपुर, मुस्तफा निवासी अलवर, कमरुद्दीन, रिजवान, खालिद निवासीगण हरियाणा, नूर मोहम्मद निवासी मेरठ, इस्तहार अली निवासी बुलंदशहर, मोहम्मद मुर्शीद व एमजे रहमान निवासी श्रीलंका हैं.
कासिमपुर मस्जिद में मिले जमातियों पर मुकदमा दर्जकासिमपुर पावर हाउस स्थित मस्जिद में ठहरे 12 जमातियों समेत 17 लोगों को क्वारेंटाइन किया है. ये सभी पुलिस की निगरानी में रहेंगे. एसडीएम कोल संदीप ओझा के नेतृत्व में टीम वहां पहुंची तो जानकारी मिली यहां पर 14 जमाती ठहरे हैं. पूछताछ में सामने आया कि 25 फरवरी को यह जलेसर से दिल्ली के लिए निकले थे. दिल्ली में शाही कमान की जमात में शामिल हुए. वहां से भ्रमण करते हुए कासिमपुर हाउस पहुंचे. इस दौरान तमाम लोगों के संपर्क में आये.
इन सभी के खिलाफ धारा 188 में मुकदमा दर्ज कराया गया है. एसडीएम ने बताया कि क्वारंटाइन कराए गए लोगों में हम्मद मारूफ , रिजवान, मुहम्मद नफीस बिहार, मुहम्मद इस्तियाक, जीशान, हिम्मद फहीम, सुहैल, समीर खान, शादमान, मोहम्मद इरशाद, फिरोज आलम, मुहम्मद, साहिल निवासीगण दिल्ली आदि हैं.हारनपुर में आठ दिन रुके थे 10 जमातीअतरौली क्षेत्र के हारनपुर गांव में कासगंज से आए 10 जमाती आठ दिन रुके थे. गांव के तमाम लोगों से मुलाकात की. 29 मार्च को फिर कासगंज रवाना हो गया. उन्हें कासगंज में क्वारेंटाइन किया गया है.