बलिया : पारा 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. एक ओर लॉकडाउन के चलते घरों में रहने की लाचारी, तो ऊपर से बिजली की आंख-मिचौनी शहर से गांव तक लोगों की मुसीबत बढ़ा रही है. तीन दिनों से पुलिस की सख्ती भी बढ़ गयी है. आलम यह है कि भीषण गर्मी में भी लोग किसी तरह घरों में ही दुबके हुए हैं. बाहर निकलने पर पुलिस का डर है, तो घर के अंदर गर्मी से परेशानी. कोरोना वायरस का खौफ इतना बढ़ गया है कि लोगों की नजर आस-पास की गतिविधियों पर भी नहीं है.
इसी बीच गर्मी ने जीना मुहाल कर रखा है. मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस था. हालांकि सुबह आसमान में बादलों की चहल-पहल दिखी. इससे गर्मी से थोड़ी राहत भी थी. लेकिन, दोपहर में धूप के साथ गर्म हवा के चलते परेशानी बढ़ गयी. इसी में बिजली की आवाजाही भी लगी रही. जिनके घरों में कोई अन्य विकल्प नहीं है, वे ज्यादा परेशान हो रहे हैं. दरअसल, लॉकडाउन के चलते दिन भर लोगों को घरों में ही रहना है. ऐसे में बिजली की आपूर्ति अनियमित होने का दंश झेलना पड़ रहा है.
आने वाले दिनों में मौसम और भी रुलायेगा. अभी अप्रैल चल रहा है. अंतिम हफ्ते तक पारा 40 डिग्री के पार पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में बिजली आपूर्ति की स्थिति नहीं सुधरी तो परेशानी और बढ़ जायेगी. कुछ हिस्सों में बारिश से किसान चिंतितआसमान में दो दिनों से बादल भी मंडरा रहे हैं. वहीं, रविवार की सुबह जिले के कई इलाकों में हुई बरसात के कारण किसानों की चिंता बढ़ गयी है. जिले के उत्तरी हिस्से में सुबह हुई बरसात के कारण फसलों की मड़ाई भी बाधित हो गयी. दरअसल, मौसम विभाग ने भी बरसात की आशंका जतायी है. ऐसे में किसान अपनी फसल जल्द से जल्द सुरक्षित घर लाने के लिए परेशान है. ग्रामीण इलाकों में मड़ाई का काम तेजी से चल रहा है.
रात में छतों पर टहलते हैं लोग रात में बिजली कटने के बाद थोड़ी राहत रहती है. पहले जहां आधी रात को भी शहरवासी बिजली कटते ही घर से निकलकर सड़क पर टहलने लगते थे, अब छतों पर टहलते हैं. जागकर बिजली आने का इंतजार करते हैं. फिर बिजली आते ही सोने चले जाते हैं. गांवों में बाग-बगीचों पर पुलिस की नजर लॉकडाउन के चलते पुलिस की नजर गांवों में बाग-बगीचों पर भी है, जहां गर्मी के दिनों में अक्सर भीड़ जुटती थी. सुबह से शाम तक गुलजार रहने वाले बगीचों में अब सन्नाटा पसरा रहता है. गांवों में सार्वजनिक स्थलों पर भी अब भीड़ नहीं जुटती. ऐसे में किसी तरह लोग बिजली कटने के बाद भी घरों में ही दुबके रहते हैं.