बलिया : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गयी थी. इसके बाद पुलिस प्रशासन के लोगों और पुलिस महकमे के कर्मचारियों ने सख्ती दिखानी शुरु कर दिया था. पूरे जनपद में धारा 144 लागू कर दी गई. इसका उल्लंघन करते हर रोज पांच से से 10 लोगों के खिलाफ पुलिस महकमे के अधिकारी व कर्मचारी कार्रवाई करते हुए लॉकडाउन का पालन कराते रहे. ऐसे में पुलिस ने 21 दिनो के पूरे लॉकडाउन के दौरान कुल 124 लोगों को धारा 188 के तहत चालान कर दिया. इन सभी के खिलाफ भादवि व महामारी नियंत्रण कानून 1897 के तहत कार्रवाई भी की गयी.
अब तक पुलिस द्वारा किये गये कार्रवाई से लोगों में इस कदर दहशत और भय व्याप्त है कि लोग चाहते हुए भी अपने घरों से बाहर तक नहीं निकल रहे थे.कोरोना का संक्रमण जब बढ़ने लगा तो देश के पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च को अगले 21 दिन के सख्त लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके साथ ही लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आने की नसीहत पुलिस और जिला प्रशासन के अफसरों को दी थी. पूरे जनपद में लॉकडाउन को शासन के फरमान के मुताबिक मनवाने के लिए पुलिस थानों के पुलिस कर्मियों के साथ ही जिला मुख्यालय पर भी पुलिस अधिकारी चक्रमण करते रहे. इस लॉकडाउन के दौरान 21 दिनों तक लॉकडाउन में भले ही पुलिस कर्मियों को थोड़ी सी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन वे एक कर्मवीर योद्धा के पास अपने ड्यूटी पर पूरी तन्मयता से लगे.
इस दौरान पूरे जिले में 144 भी लागू की गयी थी. जिससे कि कोई भी समूह बनाकर एक स्थान पर एकत्र न होने पावे. इसे नहीं मानने पर धारा 269, 270 और सेक्शन 188 के अनुसार कार्रवाई भी की गई. ऐसे में पुलिस ने 21 दिनो के पूरे लॉकडाउन के दौरान कुल 124 लोगों को भादवि की धारा 188 के तहत चालान कर दिया. इन सभी के खिलाफ महामारी नियंत्रण कानून 1897 के तहत कार्रवाई भी की गयी. अब तक पुलिस द्वारा किये गये कार्रवाई से लोगों के भीतर दहशत और भय का माहौल व्याप्त है. पीएम मोदी ने साफ कहा था कि आग की तरह फैलते कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार के पास सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र उपाय है. इसी वजह से 21 दिन के टोटल लॉकडाउन की घोषणा की गई है. उन्होंने लोगों के संबोधन में कहा था कि इसे कर्फ्यू ही समझा जाए. अगर आपको हम बताएं कि आप अगर इस लॉकडाउन को गंभीरता ने नहीं लेंगे तो आपको 2 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना अलग से भरना पड़ सकता है.
लॉकडाउन के अंतिम दिनों तक एक भी नहीं मिला कोरोना का पॉजिटिव : कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए जिले में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया था. जिसके बाद लोगों में संक्रमण न फैले इसके लिए इसके लिए प्रशासन के लोगों ने पूरे जनपद में एहतियात बरतने का संदेश अपने क्षेत्रीय अफसरों के माध्यम के साथ ही मीडिया के माध्यम से देते रहे. जिसका नतीजा यह रहा कि 21 दिन बाद भी 111 लोगों की जांच रिपोर्ट आने के बाद भृगुनगरी में एक भी कोरोना से संक्रमित मरीज जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट की नहीं आयी.
ऐसे में 21 दिन बाद भी बलिया जनपद ग्रीन जोन में शामिल हो गया है. प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे के सघन प्रयास से भृगुनगरी में एक भी केस न मिलना जिले के लिए बहुत बड़ी बात है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी ‘कोरोना हेल्थ बुलेटिन’ के अनुसार जनपद में 13 अप्रैल तक एक भी कोरोना के संक्रमित मरीज नहीं है. 13 अप्रैल तक कुल 164 सैम्पल भेजे गए थे, जिसमें 111 की निगेटिव रिपोर्ट है. 64 सैंपल की रिपोर्ट प्रक्रिया में है.