सीएम योगी आदित्यनाथ ने दैनिक वेतन भोगी करीब पांच लाख लोगों के खाता में धनराशि ट्रांसफर

लखनऊ : कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में गरीब तथा मजदूरों के खाते में मदद की खातिर बड़ी धनराशि ट्रांसफर करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भी बड़ी मदद दी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोर टीम के साथ बैठक के बाद दैनिक वेतन भोगी करीब पांच लाख लोगों के खाते में […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2020 3:44 AM

लखनऊ : कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में गरीब तथा मजदूरों के खाते में मदद की खातिर बड़ी धनराशि ट्रांसफर करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भी बड़ी मदद दी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोर टीम के साथ बैठक के बाद दैनिक वेतन भोगी करीब पांच लाख लोगों के खाते में डीबीटी के माध्यम से एक-एक हजार की धनराशि ट्रांसफर की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास से नगर विकास विभाग द्वारा चिह्नित दैनिक कार्य करने वाले विभिन्न श्रेणी के 4,81,755 लाख श्रमिकों के भरण पोषण भत्ता के लिए 48,17,55,000 रुपये की धनराशि जारी किया. यह रकम स्ट्रीट वेंडर, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, इ-रिक्शा चालक और मंडी में काम करने वाले पल्लेदारों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अलग-अलग जनपदों के लाभार्थियों से बातचीत भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में लाकडाउन है, जिससे गरीब वर्ग के लोगों को भोजन और भरण-पोषण भत्ता सरकार मुहैया करवा रही है. इसमें रेहड़ी, ठेला, खोमचा, रिक्शा, इ-रिक्शा चालक और पल्लेदारों को हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता सरकार की तरफ से उनके बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं.

11 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों के खाते में भेजे जा चुके हैं रुपयेमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे पहले सरकार ने 35 लाख मजदूरों को भरण-पोषण भत्ते का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे अकाउंट में भेज रही है। 11 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों के बैंक खाते में एक हजार रुपये जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों का मानदेय बढ़ाकर भुगतान किया जा रहा है. प्रदेश में 1.65 करोड़ से ज्यादा अन्त्योदय योजना, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं दिहाड़ी मजदूरों को एक माह का नि:शुल्क राशन भी मुहैया करवाया जा रहा है.तीन महीने तक किसानों को मिलेंगे दो-दो हजार रुपये पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से राशन वितरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 2.34 करोड़ किसानों को दो हजार रुपये प्रति माह आगामी तीन महीने तक देने की व्यवस्था सरकार ने की है. जनधन खाते में प्रति माह तीन महीने तक 500 रुपये दिया जा रहा हा है. उज्जवला योजना के तहत तीन महीने तक रसोई गैस मुहैया करवाया जा रहा है. पेंशनरों को एक मुश्त रकम उनके खाते में भेजी जा रही है.घर से बाहर न निकले, सोशल डिस्टेंस का पालन करेंमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि घर के बाहर बिल्कुल न निकले. सोशल डिस्टेंस का पालन करें. साफ-सफाई रखे.

किसी विपरीत परिस्थितियों में अगर घर से बाहर निकलना भी पड़े तो चेहरे पर मास्क, गमछा या कोई कपड़ा जरूर बांधे. इस मौके पर उन्होंने नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन और प्रमुख सचिव दीपक कुमार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलाधिकारियों से वार्ता करने के दौरान हर गरीब को अपेक्षित मदद प्रदान करें. एक या दो हजार की मदद नाकाफी : अखिलेश यादवकोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण 2 हफ्तों में 5 करोड़ लोगों के बेरोजगार हो जाने की खबर बेहद चिंताजनक है. इन आंकड़ों की समीक्षा कर सरकार बेरोजगारी से प्रभावित परिवारों की मदद का रोडमैप तैयार करे, वरना भुखमरी से हालात भयावह हो सकते हैं. सबको रोटी, दवाई और लॉकडाउन के बाद रोजगार मिले ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. बेरोजगार नौजवानों को एक या दो हजार की मासिक मदद नाकाफी है.अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना की दुर्भाग्यपूर्ण आकस्मिक आपदा के कारण लॉकडाउन में 85 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर में 93 प्रतिशत असंगठित श्रमिकों का जीवन घोर संकट में है. स्थिति यहां तक विकट हो गयी है कि भारत में बेकारी की दर 23 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है. संख्या अभी और भी बढ़ने वाली है. विभिन्न प्रदेशों में काम करने वाले श्रमिक और कामगार लाखों की संख्या में अपने गांवों की तरफ पलायन करने को मजबूर हुए हैं. कुछ मजदूरों की समस्या का उदाहरण देते हुए अखिलेश ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगे मजदूर वैधखेड़ा के पास फंसे हुए हैं. न उनके पास राशन बचा है और न ही पैसा. वे 112 नंबर की सेवा लेने में भी डर रहे हैं. उनके हालात का संज्ञान लेकर मदद पहुंचानी चाहिए.

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