महाराजगंज : कोरोना की चेन तोड़ने के लिए देश में लॉकडाउन है. इस बीच महाराजगंज जिले में एक फ्रांसीसी परिवार फंस गया है. प्रशासन ने इस परिवार को शहर के होटल में ठहराने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन सभी ने इसे अस्वीकार करके गांव की शुद्ध आबोहवा में रहने का निर्णय लिया. प्रशासन ने इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया. अब प्रधान और गांव के लोग इनके खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं. फ्रांस के रहने वाले पैलेरस पैटिक जोसेफ बीते 10 माह से सड़क मार्ग से भारत भ्रमण कर रहे हैं.
लेकिन, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू फिर अगले दिन से प्रदेश के 18 जिलों में लॉकडाउन हो गया. बाद में 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया. तब से ये परिवार महाराजगंज जिले में नेपाल के सोनौली बाॅर्डर पर है. नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी, जिसके बाद इस परिवार ने जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के कोल्हुआ गांव में अपना ठिकाना बना लिया. ये गांव बॉर्डर से करीब 30 किमी दूर है.
प्रशासन ने इनसे शहरों में होटल का प्रबंध करने के साथ ही रहने का अपील किया. लेकिन इन लोगों ने गांव में ही रहने की इच्छा जतायी. गांव के लोग और मंदिर के पुजारी इनकी मदद कर रहे हैं. महाराजगंज जिला प्रशासन की ओर से इस फ्रांसीसी परिवार को फल, अनाज समेत रोजमर्रा की सामग्री भेजकर हरसंभव मदद दी जा रही है. ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जोगेंद्र साहनी फ्रांसीसी परिवार का मदद कर रहे हैं. डिप्टी एसपी अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि इनकी देखभाल के लिए सरकार के साथ साथ स्थानीय नागरिक भी सहयोग कर रहे हैं. जिला प्रशासन के अधिकारी भी लगातार इनके संपर्क में हैं.