अमरोहा : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर रखा है. काम- धंधे बंद होने में मजदूरों के सामने आर्थिक व रोजी रोटी का संकट गहरा गया. वह पलायन कर रहे हैं. जनपद की 500 औद्योगिक इकाइयों पर ताले लटक गये हैं. एक्सपोर्ट की व्यवस्था न होने और बाहर से कच्चा माल नहीं आने से 1300 इकाइयां बंद हैं. प्रशासन से छूट मिलने के बाद 1200 छोटे-बड़े उद्योगों में लॉकडाउन की शर्तों के अनुसार काम शुरू हो गया है. 33 फीसदी मजदूर ही अभी उद्योगों में कार्य कर रहे हैं. जिनकी संख्या में इजाफा प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद किया जायेगा.जनपद में करीब तीन हजार औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत हैं. लॉकडाउन घोषित होते ही यह सभी इकाइयां बंद हो गयी. कोई काम नहीं मिलने और सबकुछ बंद रहने पर मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया जो अभी तक जारी है.
सरकार मजदूरों से जहां ठहरे हुए थे वहीं रहने की अपील कर रही है लेकिन, उनका पलायन थम नहीं रहा है. हालांकि, कुछ दिन पहले सरकार ने जिले में कुछ उद्योगों को चलाने के लिए छूट दी ताकि, रोजगार देकर मजदूरों का पलायन रोका जा सके. अधिकारियों की मानें तो जिले में लॉकडाउन की शर्तों के हिसाब से 1200 छोटे-बड़े उद्योग चालू करा दिये गये हैं. इनमें अभी कम मजदूरों को ही काम दिया जा रहा है.
500 इकाइयां मजदूरों के चले जाने से बंद हो गयी है. अन्य इकाइयां माल एक्सपोर्ट करने की सुविधा न मिलने, बाहर से कच्चा माल नहीं आने व हॉटस्पॉट क्षेत्र में होने के कारण नहीं चल पाई हैं.जब से प्रशासन ने छूट दी है तब से 1200 औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं. इनमें मजदूरों के बीच शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराया जा रहा है.
प्रत्येक इकाई के मालिक को सैनिटाइजर व साबुन की व्यवस्था कराने के निर्देश हैं. 1800 इकाइयां मजदूरों के चले जाने व अन्य वजहों से अभी शुरू नहीं हो सकी हैं.विकास यादव, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र