रामगढ़ : बैरिया थाना क्षेत्र के गंगा पार नौरंगा घाट पर मंगलवार की सुबह गंगा नदी में नहाने गया बालक डूब गया. वह अपने बड़े भाई के साथ आया था. उसको बचाने के प्रयास में बड़ा भाई भी डूबने लगा. उसे मौके पर मौजूद मल्लाह ने काफी मशक्कत के बाद बचा लिया, लेकिन छोटे भाई को नहीं बचा सका. घटना की जानकारी होने के बाद परिजनों मे कोहराम मच गया. वहीं, सूचना के बाद भी देर तक तहसील प्रशासन के अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों में नाराजगी भी दिखी. शाम तक बालक का पता नहीं चल सका. नौरंगा निवासी दिनेश ठाकुर का पुत्र आकाश (12) अपने बड़े भाई प्रकाश के साथ गांव के सामने गंगा घाट पर मंगलवार की सुबह करीब सुबह 9 बजे नहाने पंहुचा था. दोनों भाई नहा रहे थे.
इसी बीच आकाश गहरे पानी मे जाकर डूबने लगा. उसने बचाने के लिए चिल्लाया, तो प्रकाश उसकी तरफ पहुंचा. छोटे भाई को बचाने के प्रयास में प्रकाश भी डूबने लगा. इसी बीच डूब रहे दोनों भाइयों पर बगल में नहा रही गांव की कुछ महिलाओं की नजर पड़ी, तो वे भी चिल्लाने लगीं. महिलाओं के शोर मचाने पर वहीं मौजूद मल्लाह भूपेश्वर ने नदी में कूदकर बड़े भाई प्रकाश को तो बचा लिया, लेकिन इतनी देर में आकाश गहरे पानी में लापता हो चुका था.
सूचना मिलने के बाद बदहवाश परिजनों के साथ ही ग्रामीण भी घटनास्थल स्थल पर पहुंच गये. साथ ही घटना की सूचना थाना व तहसील प्रशासन बैरिया को दी गयी. घंटना के तीन घंटे बाद, यानि दोपहर 12 बजे तक तहसील या थाना से कोई नहीं पहुंचा था. इस दौरान ग्रामीण खुद ही नदी में डूबे बालक की तलाश करते रहे. घटनास्थल पर पूरे दिन पिता के साथ ही मां मीरा देवी व बहन शोभा भी मौजूद रहे. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. वहीं ग्रामीण उन्हें ढांढस बंधाते रहे.
नौरंगा निवासी दिनेश ठाकुर का पुत्र आकाश (12) अपने बड़े भाई प्रकाश के साथ गांव के सामने गंगा घाट पर मंगलवार की सुबह करीब सुबह 9 बजे नहाने पंहुचा था. दोनों भाई नहा रहे थे. इसी बीच आकाश गहरे पानी मे जाकर डूबने लगा. उसने बचाने के लिए चिल्लाया, तो प्रकाश उसकी तरफ पहुंचा. छोटे भाई को बचाने के प्रयास में प्रकाश भी डूबने लगा. इसी बीच डूब रहे दोनों भाइयों पर बगल में नहा रही गांव की कुछ महिलाओं की नजर पड़ी, तो वे भी चिल्लाने लगीं.
महिलाओं के शोर मचाने पर वहीं मौजूद मल्लाह भूपेश्वर ने नदी में कूदकर बड़े भाई प्रकाश को तो बचा लिया, लेकिन इतनी देर में आकाश गहरे पानी में लापता हो चुका था. सूचना मिलने के बाद बदहवाश परिजनों के साथ ही ग्रामीण भी घटनास्थल स्थल पर पहुंच गये. साथ ही घटना की सूचना थाना व तहसील प्रशासन बैरिया को दी गयी. घंटना के तीन घंटे बाद, यानि दोपहर 12 बजे तक तहसील या थाना से कोई नहीं पहुंचा था. इस दौरान ग्रामीण खुद ही नदी में डूबे बालक की तलाश करते रहे. घटनास्थल पर पूरे दिन पिता के साथ ही मां मीरा देवी व बहन शोभा भी मौजूद रहे. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. वहीं ग्रामीण उन्हें ढांढस बंधाते रहे.