कोरोना से जंग को तैयार हो रही भव्य इमारत के नींव के पत्थर बने आएएस दंपति

बलिया : किसी भी भव्य इमारत का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी नींव कितनी मजबूत है. हालांकि यह भी सच है कि नींव का पत्थर दिखता नहीं है पर वह उसकी भूमिका काफी अहम होती है. ठीक प्रकार बलिया में कोरोना से जंग के लिए तैयारियों की जो भव्य इमारत तैयार […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2020 12:09 AM

बलिया : किसी भी भव्य इमारत का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी नींव कितनी मजबूत है. हालांकि यह भी सच है कि नींव का पत्थर दिखता नहीं है पर वह उसकी भूमिका काफी अहम होती है. ठीक प्रकार बलिया में कोरोना से जंग के लिए तैयारियों की जो भव्य इमारत तैयार की गयी है उसकी नींव में आइएसए दंपति विपिन और अन्नपूर्णा गर्ग की अहम भूमिका है. भले यह नींव का पत्थर पूरे परिदृश्य में कम दिख रहे हैं पर सभी की जुबान पर इन दिनों यही है कि अगर यह नहीं होते तो शायद यह संभव नहीं था. कोरोना संकट से निबटने की पूरी रणनीति के असली सूत्रधार एमबीबीएस के बाद आइएएस करने वाले विपिन जैन हैं तो उसे अमलीजामा पहनाने का कार्य उनकी आइएएस पत्नी अन्नपूर्णा गर्ग कर रहीं हैं.

कोरोना महामारी से लड़ने में देश का शीर्ष नेतृत्व लगा हुआ है. पूरे देश में अपने अपने हिसाब से तैयारी चल रही है वैसे में बलिया जैसे आर्थिक, सामाजिक व स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछड़े जिले ने अचानक जो तैयारी की उसे आजमगढ़ की मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ही नहीं प्रदेश नेतृत्व ने भी खूब सराहा. बलिया में भले ही सुविधाओं का अभाव हो पर जिला प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड हो या पाजीटिव मरीज मिलने की दशा में स्थापित होने वाले लेवल वन का अस्पताल सभी को बाखूबी तैयार किया. पीपीटी कीट की कमी को भी यहां स्थानीय स्तर पर ही दूर कर दिया गया. बलिया में यह संयोग भी हो सकता है पर अधिकारियों की सर्तकता का ही नतीजा है जिससे एक भी मरीज अब तक नहीं मिला है. हालांकि मरीज मिलने की दशा में भी उन चुनौतियों से निबटने के लिए जिला पूरा तैयार है.

बलिया में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में तैनाती पाये आइएस विपिन जैन और उनकी आइएएस पत्नी अन्नपूर्णा गर्ग वर्तमान में उपजिलाधिकारी के पद पर तैनात थे. जब कोरोना का संकट गहराया तो उन्होंने जिलाधिकारी से कह खुद को इस अभियान से जोड़ा और एसडीएम का कार्यभार छोड़ कोरोना से जिले को बचाने में जुट गये. विपिन जैन आइएएस से पहले एमबीबीएस और बिहार कैडर में आपीएस की सेवा दे चुके हैं इसलिए उन्होंने इस अभियान में बहुत सराहनीय कार्य किया. जैन के प्रत्येक कार्य में उनकी पत्नी अन्नपूर्णा गर्ग ने उनकी भरपूर मदद की. आज स्थिति है कि पूरा कोरोना से जंग को तैयार भवन इनके ही मजबूत कंधों पर टिका है. जैन और गर्ग के जज्बे को जन सैल्यूट है.

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