Bareilly: यूपी की बरेली जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ से बिना पर्ची मुलाकात कराने वाले जेल आरक्षी शिव हरि अवस्थी और सामान के साथ रुपये पहुंचाने वाले ऑटो चालक नन्हें उर्फ दयाराम के मोबाइल से कई अहम राज खुले हैं. पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के बाद मोबाइल कब्जे में ले लिए थे. इन मोबाइल पर ही अशरफ के गुर्गे फोन कर लोगों की मिलाई कराते थे.
इसमें फुरकान नवी और राशिद अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मगर, करीब 24 से अधिक लोग और भी निशाने पर हैं. मोबाइल के माध्यम से कुछ बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिली है. इन पर भी कार्रवाई होना तय है. बरेली एसएसपी-डीआईजी अखिलेश कुमार चौरसिया ने एसपी सिटी राहुल भाटी के नेतृत्व में 6 सदस्यीय एसआईटी गठित की है.
एसआईटी ने जेल की डीवीआर कब्जे में लेने के बाद अशरफ के मददगारों को तलाशना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही डीजी जेल ने डीआईजी आरएन पांडेय को विभागीय जांच सौंपी है. उन्होंने भी जेल पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है. इससे जेल के अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है. इसके साथ ही डीजी जेल बरेली जेल में बंद अशरफ और अधिकारियों पर निगाह रखे हुए हैं. उधर एसआईटी के विवेचक सीओ थर्ड आशीष प्रताप सिंह ने खुशबू कालोनी स्थित सद्दाम के कमरे की तलाशी ली. इसके बाद सील कर दिया है.
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पुलिस की जांच में अशरफ के साले सद्दाम का बरेली के एक पूर्व मंत्री की बेटी से प्रेम संबंध सामने आया है. वह अक्सर सद्दाम के कमरे पर आती जाती थी. एसआईटी पूर्व मंत्री की बेटी पर भी निगाह रखे हुए है, उसकी लोकेशन भी ट्रेस की जा रही है.
पुलिस जेल में मुलाकात कराने वाले आरक्षी शिव हरि अवस्थी, अशरफ को रुपये सब्जी पहुंचाने वाले ऑटो चालक नन्हें उर्फ दयाराम, पूर्व विधायक अशरफ, उसका साला सद्दाम पूर्व मेयर प्रत्याशी लल्ला गद्दी पर थाना बिथरी चैनपुर में मुकदमा दर्ज कर चुकी है. इसमें आरक्षी और ऑटो चालक को जेल भेजा जा चुका है. मगर, अब पुलिस सद्दाम और पूर्व मेयर प्रत्याशी लल्ला गद्दी की तलाश में जुटी है.
पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ को इलाहाबाद की नैनी जेल से 11 जुलाई, 2020 को प्रशासनिक आधार पर बरेली जेल भेजा गया था. मगर, पिछले दिनों प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड के बाद अशरफ की भी जांच पड़ताल की गई. हालांकि, उमेश पाल प्रयागराज के राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के पक्ष में गवाही दे चुका था. मगर, इसके बाद भी उमेश पाल की हत्या के बाद तमाम तरह की चर्चाएं हैं. एसटीएफ ने जेल में बंद अशरफ से पूछताछ की थी. मगर, पूछताछ के बाद अशरफ के बारे में काफी जानकारी मिली. इसमें अशरफ का साला सद्दाम जेल में बंद बहनोई के लिए खाने पीने से लेकर रुपये की व्यवस्था कराता था.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली