बरेली में शान से निकला जुलूस-ए-गौसिया, डीजे के साथ आई अंजुमन को शामिल होने से रोका
बरेली में जुलूस-ए-गौसिया निकाला गया. इसमें शहर की अंजुमनें शामिल हुई. इनकी दस्तारबंदी की गई, लेकिन डीजे के साथ आई दो अंजुमन को जुलूस से वापस लौटा दिया गया.
Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बुधवार को जुलूस-ए-गौसिया निकाला गया. इसमें शहर की अंजुमनें शामिल हुई. इनकी दस्तारबंदी की गई, लेकिन डीजे के साथ आई दो अंजुमन को जुलूस से वापस लौटा दिया गया. यह जुलूस दरगाह आला हजरत के सज्जादानशी अहसन मियां की कयादत में निकाला गया.
शहर में ग्यारवीं शरीफ के मुबारक मौके पर बुधवार को पीरों की पीर हजरत शेख अब्दुल क़ादिर जिलानी बगदादी (हजरत गौसे पाक) की याद में सैलानी के रज़ा चौक से जुलूस-ए-गौसिया दरगाह आला हज़रत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में निकाला गया. इसमें शहर की तमाम अंजुमन शामिल हुई.
जुलूस में सबसे आगे अंजुमने गुलामाने ताजुशशरिया की अंजुमन पगड़ी पहने हाथों में परचम लेकर चल रही थी. इससे पहले हाजी शारिक नूरी ने सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां व टीटीएस के पदाधिकारियों समेत सभी अंजुमन के सदर की दस्तारबंदी कर फूलों से ज़ोरदार स्वागत किया गया. यह जुलूस सैलानी, मीरा का पेट, बुखारपुरा टंकी, कांकर टोला, मदीना शाह का इमामबाड़ा, शाहदाना चौराहा के रास्ते बापस सैलानी पर देर रात पहुंचकर खत्म हुआ. संचालन मुस्तफा नूरी और तारिक सईद ने किया. अंत में सभी अंजुमनों को जूलूस स्थल पर ही पुरस्कार वितरण किया गए.
Also Read: Bareilly : दादा मियां के उर्स में जुटीं सियासी हस्तियां, आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा की मुलाकात से उठे सवालसुबह फर्ज नमाज के बाद अंजुमन कार्यालय पर जश्ने ग़ौसुल वरा मनाया गया. कुरानख्वानी हुई. मुफ्ती फुरकान रज़ा व मुफ्ती अज़हर रज़ा व जमन रज़ा ने गौसे-ए-पाक की खिराज़ पेश करते की. तकरीर में बोले, अल्लाह ने आपको वालियों के सरदार का मर्तबा दिया. गौसे पाक का फैज़ आज सारी दुनिया पर है. आपने अपनी पूरी उम्र कभी झूठ नहीं बोला और अपने मुरीदों से भी कभी झूठ न बोलने की ताकीद की. आपकी ज़िन्दगी हमारे लिए नमूना है.
मौलाना ओवैस, हाफिज फैज़ान अजहरी, हाफिज तनवीर, हाफिज बब्बू ने नात ओ मनकबत का नज़राना पेश किया.जुलूस में मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी, अजमल नूरी, तनवीर तहसीनी,वसीम तहसीनी, हाजी साकिब रज़ा, मंज़ूर खान, अफ़ज़ाल उद्दीन, शाहिद नूरी, परवेज़ नूरी, वामिक रज़ा, जावेद रज़ा, औरंगज़ेब नूरी आदि ने व्यवस्थाओं को संभाला.
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