बरेली: मौलाना तौकीर रजा खां ने बरेली (Bareilly News) में 23 हिंदू युवाओं का निकाह कराने का एलान किया है. उन्होंने इसके लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख तौकीर रजा का कहना है कि इन हिंदू युवाओं की इस्लाम में आस्था है. उन्होंने धर्म परिवर्तन करने और उन मुस्लिम युवक-युवतियों से निकाह कराने के लिए आईएमसी को आवेदन भेजा है. उन्होंने कहा कि दो साल पहले दरगाह आला हजरत पर यह पाबंदी लगाई गई थी कि जो युवा किसी लालच में या इश्क के कारण इस्लाम कबूल करना चाहते हैं, उन्हें मुसलमान नहीं बनाया जाएगा. मगर पिछले कुछ दिनों से दबाव बहुत बढ़ गया है.
युवक-युवतियों ने किया है आवेदन
मौलाना तौकीर रजा का कहना है कि आईएमसी के पास आठ लड़के और 15 लड़कियों सहित 23 ऐसे हिंदू युवाओं के आवेदन हैं, जो इस्लाम कबूल करना चाहते हैं. इनमें से एक मामला मध्य प्रदेश का है, बाकी बरेली और आसपास के जिलों के हैं. पहले चरण में पांच जोड़ों का सामूहिक निकाह खलील हायर सेकेंड्री स्कूल में 21 जुलाई को कराया जाएगा. मौलाना ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से अभी वह इन युवाओं का ब्योरा जारी नहीं कर रहे हैं. ऐसे युवक-युवती जो लिव इन में रहकर हराम काम कर रहे हैं, वह उन्हें इससे बचाना चाहते हैं. मौलाना ने कहा कि आज तक न जाने कितनी मुस्लिम लड़कियों ने धर्म परिवर्तन कर लिया. उन्होंने कोई विरोध नहीं किया. उम्मीद है कि उनके इस कार्यक्रम का भी कोई विरोध नहीं होगा. यह कोई गैर कानूनी काम भी नहीं है. संविधान इसकी इजाजत देता है.
सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा है आवेदन
11 जुलाई को आईएमसी के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर 21 जुलाई को पांच हिंदू युवाओं का सामूहिक निकाह कराने की अनुमति मांगी है. सिटी मजिस्ट्रेट को दिए पत्र में बताया गया है कि इन हिंदू युवक-युवतियों की इस्लाम में आस्था है. वे धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़के और लड़कियों से शादी करना चाहते हैं. उन्हें किसी तरह का प्रलोभन नहीं दिया गया है और न कोई दबाव डाला गया है. वे शपथ पत्र देने को तैयार हैं. मौलाना तौकीर रजा (Maulana Tauqueer Raza) का कहना है कि उम्मीद है कि प्रशासन से उन्हें अनुमति मिल जाएगी, क्योंकि वह कोई गैर कानूनी काम नहीं कर रहे हैं.
शहर इमाम बोले- बिना जबर्दस्ती हो रहे हैं तो निकाह जायज
शाही जामा मस्जिद के शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने मौलाना तौकीर के एलान पर कहना है कि आईएमसी के इस आयोजन के सियासी मायने क्या हैं, यह तो वह नहीं जानते. लेकिन बिना निकाह के एक साथ रहना इस्लाम में पूरी तरह नाजायज और हराम काम है. अगर बिना किसी जोर-जबरदस्ती के सामूहिक निकाह कराया जा रहा है तो इस्लाम इसकी इजाजत देता है. शरई तौर पर इसमें कोई भी गलत बात नहीं है.
आवेदन जांच के लिए पुलिस को भेजा
नगर मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला का कहना है कि आईएमसी के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने 21 जुलाई को सामूहिक निकाह के लिए अनुमति के लिए आवेदन किया है. आवेदन जांच के लिए पुलिस को भेज दिया गया है. पुलिस रिपोर्ट के आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा.