Bareilly: हरियाणा के भिवानी और बिहार के गया में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. मौलाना ने कहा कि जिस तरह से आतंकी संगठन बताकर पीएफआई और सिमी पर प्रतिबंध लगाया गया है.
उसी तरह से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाया जाए. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धृतराष्ट्र की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए. बल्कि दुर्योधन (विहिप) और भीम दुशासन (बजरंग दल) पर लगाम लगाने की जरूरत है. उन्होंने दोनों घटनाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया. इसके साथ ही घटनाएं सरकार की सरपरस्ती में होने की बात कही. बोले, ऐसी घटनाओं से माहौल खराब हो रहा है.
मौलाना ने कहा कि हम लोग संविधान में यकीन रखते हैं. इसलिए अभी खामोश है, जो लोग संविधान में यकीन नहीं रख रहे हैं. उनके खिलाफ देश के लोगों को एक होने की जरूरत है. कानून को हाथ में लेने वालों के पक्ष में भीड़ और पुलिस भी खड़ी नजर आती है. पुलिस को दबाव में आने की जरूरत नहीं है. पुलिस कार्रवाई करें, नहीं तो हालात खराब होंगे. मौलाना ने हरियाणा और बिहार प्रकरण में न्याय मांगने के लिए संसद तक मार्च करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा 15 दिन में कार्रवाई नहीं हुई, तो संसद तक पैदल मार्च किया जाएगा.
मौलाना ने कहा कि कुछ लोगों को मुसलमानों से है. वह सियासी फायदा लेने के लिए इन घटनाओं को अंजाम दिलाते हैं. मौलाना ने ऐसे लोगों को लड़ने की खुली चुनौती दी. बोले हमारी लाठियां कमजोर नहीं हैं.
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मौलाना तौकीर रजा के आमने सामने लड़ाई के बयान पर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी जताई. बोले, वह स्वयं भयभीत होकर ऐसी भाषा बोल रहे हैं. बाहर निकले तो देखें कितने शेर हैं. इसके साथ ही बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने भाषा को निंदनीय और नफरत फैलानी वाली बताया. संत परमहंस ने बहुसंख्यक पर की गई. टिप्पणी पर नाराजगी जताई. बोले, मौलाना की टिप्पणी स्वीकार करता हूं.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली