Bareilly News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में छह विधानसभा सीट हैं. इसमें से सदर विधानसभा सीट पर 1989 से भाजपा का कब्जा है. यहां से 1989 में सुरेश कुमार खन्ना चुनाव जीते थे. इसके बाद से लगातार 1991,1993, 1996, 2007, 2012 और 2017 में भी दर्ज की थी. सपा और बसपा सात चुनाव लड़ चुकीं है, लेकिन दोनों ही पार्टियां सदर सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकीं. अगर, उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना नौवीं बार विधायक बनते हैं, तो वह प्रमोद तिवारी का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज रिकॉर्ड तोड़ देंगे. जबकि सपा ने एक बार फिर तनवीर खां को सुरेश खन्ना के विजय रथ रोकने की कोशिश में टिकट दिया है.
जिले की ददरौल सीट पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन 2002 और 2007 में बसपा के अवधेश कुमार वर्मा ने चुनाव जीतकर दर्ज की. वह बसपा की सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बने थे, लेकिन 2012 में ददरौल सीट पर सपा के राममूर्ति सिंह वर्मा ने बसपा के रिजवान अली को हराया था. सुरक्षित विधानसभा पुवायां में सपा के टिकट पर मिथिलेश कुमार ने जीत दर्ज की, तो वहीं 2012 में उनकी पत्नी शकुंतला देवी विधायक बनीं.
2009 के उपचुनाव में बसपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की. तिलहर विधानसभा में सपा संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव 1991 में चुनाव जीत चुके हैं. इसके बाद 2002 में राजेश यादव ने जीत दर्ज की, लेकिन 2012 में बसपा टिकट पर रोशन लाल वर्मा जीते, तो वहीं 2017 में भाजपा ने सीट पर कब्जा कर लिया.
जलालाबाद विधानसभा में 1993 में सपा के टिकट पर जीत दर्ज की. इसके बाद 1996 और 2002 में सपा के शरद वीर सिंह विधायक बने, लेकिन 2007 और 2012 में नीरज कुशवाहा ने जीत दर्ज की. 2017 में भी सपा के शरदवीर सिंह विधायक चुने गए. जिले में यह एकमात्र सीट सपा के पास है.
कटरा सीट से 1996 और 2002 में सपा के टिकट पर राजेश यादव ने जीत दर्ज की. 2007 में सपा के टिकट पर राजेश यादव ने जीत दर्ज की, लेकिन 2017 के चुनाव में वीर विक्रम सिंह ने चुनाव जीता. वह एक फिर मैदान में हैं, लेकिन बसपा ने इस सीट पर एक बार भी जीत दर्ज नहीं की. भाजपा और कांग्रेस सभी सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद