Bareilly News : यूक्रेन की खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाला फतेहगंज पश्चिमी के मोहल्ला अंसारी निवासी मोहम्मद आशिफ शुक्रवार को घर लौट आया है. उसके परिजन, रिश्तेदार और दोस्तों में काफी खुशी है. इन लोगों ने जश्न मनाया, लेकिन अपने बेटे को सामने देख उसके माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए. उन्होंने अपने बेटों को गले से लगा लिया.
आशिफ खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते हिंदुस्तान के हजारों छात्र-छात्राओं की तरह आशिफ भी फंस गया. शुक्रवार को काफी मुश्किल से आशिफ बरेली पहुंचा. उसने बताया कि युद्ध के दौरान रूस की बमबारी से वह काफी दहशत में था. कई दिन भूखे प्यासे बंकर में रहकर खुद को बचाया. लेकिन, हालात बिगड़ने पर घंटों पैदल चलने के बाद बॉर्डर तक पहुंचे थे. इसके बाद बरेली पहुंच सका है.
उसने बताया कि यूक्रेन की सीमा पर बिताए गए दिन, उसकी जिंदगी के सबसे कठिन दिन थे. वहां बहुत बर्फीला मौसम है, और खाना भी नहीं मिला. जिसके चलते काफी परेशानी हुई, लेकिन आशिफ के बरेली पहुंचने के बाद लोगों ने फूल मालाओं से स्वागत किया. इसके बाद आशिफ के माता-पिता ने अपने बेटे को सीने से चिपका लिया. उनके खुशी के आंसू निकल आएं. उन्होंने कहा कि बेटा डॉक्टर बने इसलिए भेजा था, लेकिन ऐसे हालात होंगे. ऐसा नहीं मालूम था. अब आगे यूक्रेन जाना है या नहीं. यह फैसला काफी सोच समझ कर ही लेंगे.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद