बरेली के छात्र की यूक्रेन से वापसी, धौराटांडा में जश्न, अभी भी कई छात्रों को वतन वापसी का इंतजार

बरेली की नगर पंचायत धौरा टांडा के वार्ड नंबर चार निवासी मोहम्मद शाहाबाज आज यूक्रेन से भारत लौटे है. मोहम्मद का उनके परिजनों ने जोर-शोर से स्वागत किया.

By Prabhat Khabar News Desk | March 1, 2022 7:30 PM

Bareilly News: यूक्रेन के उजोड़ शहर में स्थित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की पढ़ाई करने वाले बरेली की नगर पंचायत धौरा टांडा के वार्ड नंबर चार निवासी मोहम्मद शाहाबाज मंगलवार को सकुशल अपने घर पहुंच गए. उनका परिजनों और धौराटांडा के लोगों ने स्वागत किया. मोहम्मद शाहबाज का मेडिकल कॉलेज हंगरी देश की सीमा के पास था. जिसके चलते बॉर्डर से हंगरी पहुंचे. इसके बाद हंगरी से 28 फरवरी की रात भारतीय विमान ने उड़ान भरी थी.

यह विमान यूक्रेन से छात्रों को लेकर मंगलवार सुबह दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा. एयरपोर्ट पर भारत सरकार के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने छात्रों की वतन वापसी पर बधाई दी. इसके बाद छात्र पिता अब्दुल बहाव, मोहम्मद जिरार आदि बरेली लेकर पहुंचे हैं. धौराटांडा में जश्न का माहौल है, लेकिन खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस करने वाले बरेली के शाहजहांपुर रोड स्थित गांव उडला जागीर के डॉ. तफज्जुल, फतेहगंज पश्चिमी के डॉ. आशिफ, इज्जतनगर थाना क्षेत्र की डॉ. सना खान और जावेद हुसैन अभी भी फंसे हुए हैं.

बरेली के छात्र की यूक्रेन से वापसी, धौराटांडा में जश्न, अभी भी कई छात्रों को वतन वापसी का इंतजार 2

वहीं डॉ. तफज्जुल और डॉक्टर आशिफ ने बताया कि हॉस्टल के बंकरों में दिन-रात गुजार रहे हैं. यहां खाने-पीने का सामान भी नहीं है. जिसके चलते काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया की हॉस्टल के आसपास रूस की सेना बमबारी कर रही है. इससे तमाम बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई हैं. बमों के धमाकों से हॉस्टल की खिड़की दरवाजे भी हिलने लगते हैं.

इंडियन एंबेसी की तरफ निगाह, लेकिन नहीं साधा संपर्क

बरेली के छात्रों ने बताया कि इंडियन एंबेसी की तरफ उम्मीद लगी है, लेकिन अभी तक एंबेसी और भारत सरकार की तरफ से कोई भी संपर्क नहीं साधा गया है. हम लोगों के फोन करने पर सिर्फ यही कहा जा रहा है, कि जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहें.बाहर न निकलें.

परिजन परेशान, सिर्फ दुआएं

खरकीव यूनिवर्सिटी में फंसे छात्रों के परिजन काफी परेशान हैं. इन लोगों ने बच्चों की वतन वापसी को प्रशासन और सरकार से भी गुहार लगाई, लेकिन कहीं से सफलता नहीं मिली. इसके बाद परिजन बच्चों की सलामती को दुआएं कर रहे हैं.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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