Chandan Gupta Murder Case: चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में सभी 28 दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी 2018 को निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी. करीब सात साल चले मुकदमे के बाद कोर्ट ने सभी दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. चंदन गुप्ता मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इससे पहले कोर्ट ने कल यानी गुरुवार (2 जनवरी 2025) को 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
केस को लेकर सरकारी वकील का आया बयान
चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में जिला सरकारी वकील मनोज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि “सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. दो लोगों को बरी कर दिया गया है. हम उनके बरी होने के खिलाफ अपील करेंगे. मुख्य आरोपी सलीम को अतिरिक्त 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है.”
फांसी की करेंगे मांग- चंदन गुप्ता के भाई
कोर्ट को फैसले को लेकर चंदन गुप्ता के भाई विवेक गुप्ता ने कहा है कि मेरे भाई की हत्या कर दी गई और आरोपियों को आजीवन कारावास और 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. उन्होंने कहा कि मैं वकीलों को धन्यवाद देता हूं. विवेक गुप्ता ने कहा कि हाईकोर्ट में हम मांग करेंगे कि मुख्य दोषी को फांसी दी जाए और जो दो लोग बरी हो गए हैं उन्हें भी सजा दी जाए.
तिरंगा यात्रा के दौरान हुई थी हत्या
चंदन गुप्ता हत्या का मामला 2018 में कासगंज में हुई तिरंगा यात्रा से जुड़ा हुआ है. यात्रा में शामिल चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद यूपी में कासगंज में हिंसा भड़क गई थी. कई जगहों पर आगजनी और हिंसक प्रदर्शन हुए थे. चंदन गुप्ता हत्याकांड में उनके पिता सुशील गुप्ता सलीम नाम के शख्स को मुख्य आरोपी बनाते हुए करीब दो दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
28 दोषी करार, दो बरी
चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में पुलिस ने 30 आरोपियों पर चार्जशीट लगाई थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 28 आरोपियों को हत्याकांड का दोषी करार दिया है. जबकि, दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.
चंदन के परिवार ने लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई
चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने हत्याकांड मामले में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. मामले को लेकर आरोपी पक्ष ने हाई कोर्ट में अपील कर मामले की सुनवाई पर रोक भी लगवाई थी. जिसके बाद पीड़ित पिता लखनऊ के हजरतगंज में गांधी प्रतिमा के नीचे धरना पर बैठ गये थे. चंदन के परिवार की ओर से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद चंदन को न्याय मिल सका. हत्याकांड के करीब सात साल बाद कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है.