गाजियाबाद: यूपी (UP News) के गाजियाबाद में एक अनोखा मामला सामने आया है. साहिबाबाद के चंदन नगर में एक फ्लैट में मां, बेटा और बहन काफी दिनों से रह रहे थे. जबकि पिता की मौत हो चुकी थी. न तो परिवार बाहर निकलता था और न ही कई दिनों से उन्हें किसी ने देखा था. उनके फ्लैट से अचानक बदबू फैली तो आस-पास के लोगों ने दिल्ली में रह रहे रिश्तेदारों को फोन किया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया. इस पर वेल्डर की मदद लेकर दरवाजा कटवाया गया. फ्लैट का दरवाजा खुला तो सभी वहां की हालत देखकर चकित रह गए.
तीन दिन पुराना शव मिला
पुलिस के अनुसार दरवाजा तोड़कर फ्लैट के अंदर घुसने पर अंधेरा, गंदगी और बदबू फैली हुई थी. किसी तरह अंदर गए तो पता चला कि वहां मां कोमल, बेटी काव्या जिंदा थे और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. जबकि बेटे तेजस (14) का तीन दिन पुराना शव कूड़े के बीच पड़ा हुआ था. पुलिस ने मां और बेटी काव्या से तेजस की मौत के बारे में जानने की कोशिश की लेकिन वो कुछ बता नहीं पाए. इसके बाद पुलिस ने तेजस के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
घर का दरवाजा नहीं खोलते थे
इस घटना की सूचना मिलने के बाद कोमल के भाई प्रशांत जैन दिल्ली से गाजियाबाद पहुंच गए थे. उन्होंने बताया कि कोमल के पति की 11 साल पहले मौत हो गई थी. तभी से पत्नी व दोनों बच्चे मानसिक रूप से बीमार रहने लगे थे. तीनों का इलाज एक निजी अस्पताल से चल रहा था. प्रशांत ने बताया कि वो फरवरी में प्रशांत बहन से मिलने आए थे, लेकिन इन लोगों ने दरवाजा नहीं खोला. इस पर वापस चले गए. प्रशांत महीने में दोबार ऑनलाइन खाते में जीवन यापन को लिए कुछ रकम भेजते हैं. जिससे कोमल व उसके परिवार का खर्च चलता है.
पड़ोसियों ने परिवार को कई महीने से नहीं देखा
पुलिस के अनुसार मां-बेटी खाना बनाने की स्थिति में भी नहीं थी. इसलिए कभी-कभी मानसिक स्थिति ठीक होने पर ऑनलाइन खाना मंगाती थी. डिलीवरी मैन से भी खाना दरवाजे के बाहर ही रखवा देती थीं. उसके जाने के बाद दरवाजा खोलकर खाना उठाती थी. पड़ोसियों ने भी उनको कई माह से नहीं देखा था. इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि वो घर का कूड़ा भी बाहर नहीं फेंकती थी. इसलिए घर में हर तरफ गंदगी फैली थी. प्रशांत जैन ने पुलिस से बहन व भांजी का इलाज कराने की बात कही है.